हिजाब (Hijab) को लेकर विवाद के बीच कर्नाटक (Karnataka) सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों से पोशाक संबंधी मौजूदा नियमों का पालन करने को कहा है, जब तक कि उच्च न्यायालय अगले सप्ताह इस संबंध में कोई आदेश नहीं दे देता. शैक्षणिक संस्थानों में इस मुद्दे पर विवाद शुरू होने और उच्च न्यायालय के समक्ष मामला पहुंचने के बीच मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सरकार के रुख के बारे में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी सी नागेश और शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ शुक्रवार को बैठक की.
वहीं, कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने के अधिकार पर मुस्लिम लड़कियों का समर्थन किया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व वाली सरकार पर हमला किया।
नागेश ने कहा, ‘‘मामला अभी अदालत में है. मुख्यमंत्री ने आज कानूनी विभाग और प्राथमिक तथा माध्यमिक शिक्षा विभागों के साथ बैठक की. उन्होंने हमें एडवोकेट जनरल की राय लेने के बाद अदालत को सरकार के रुख से अवगत कराने की सलाह दी है. कानून विभाग ने बैठक में अवगत कराया कि कानून और नियम क्या कहते हैं.''
उन्होंने कहा, ‘‘हमने पहले ही एक परिपत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि शैक्षणिक वर्ष से पहले एससीडीएम (स्कूल विकास और निगरानी समिति) द्वारा निर्धारित और अब तक छात्र-छात्राओं द्वारा पहनी जाने वाली पोशाक को उच्च न्यायालय का फैसला आने तक जारी रखा जाना चाहिए.''
हिजाब को लेकर विवाद के पीछे ‘‘कुछ तत्वों का हाथ होने'' का आरोप लगाते हुए नागेश ने कहा कि इसे एक अंतरराष्ट्रीय सुर्खी बनाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग जो इस देश के खिलाफ हैं, दुष्प्रचार के तहत ऐसा कर रहे हैं. वे विश्व स्तर पर भारत और हमारे प्रधानमंत्री को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिल रहे सम्मान को पचा नहीं पा रहे हैं.''
कर्नाटक उच्च न्यायालय आठ फरवरी को उडुपी के एक सरकारी महाविद्यालय में पढ़ने वाली पांच लड़कियों द्वारा संस्थान में हिजाब पर प्रतिबंध के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा.
उडुपी के एक सरकारी महाविद्यालय में कुछ छात्राओं के हिजाब पहनने को लेकर विवाद शुरू हो गया है. एक अन्य घटना में कुंडापुर महाविद्यालय की हिजाब पहन कर आई मुस्लिम छात्राओं को प्राचार्य ने संस्थान के गेट पर ही रोक दिया. मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने के विरोध में कई हिंदू छात्र भगवा शॉल लेकर कॉलेज आए.
मंत्री ने बताया कि केरल और बंबई उच्च न्यायालयों ने अपने पहले के आदेशों में विशेष रूप से कहा है कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब नहीं पहना जा सकता है.
इस बीच, मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने के अधिकार के समर्थन में सामने आते हुए सिद्धरमैया ने कहा, किसी कॉलेज के अंदर वह भी एक सरकारी शैक्षणिक संस्थान में लड़कियों को प्रवेश से इनकार करना, विद्यार्थियों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. उन्होंने भाजपा पर छात्रों को भगवा शॉल पहनने, इसे मुद्दा बनाने के लिए उकसाने का आरोप लगाया.
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