लखनऊ:
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच व्यापारिक सौदों के खिलाफ जांच कराए जाने की मांग वाली जनहित याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह और न्यायमूर्ति वीके दीक्षित की संयुक्त पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश दिया।
अपनी याचिका में ठाकुर ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा लगाए गए रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ पर एक दूसरे को गलत ढंग से फायदा पहुंचाने के आरोपों के आधार पर इनकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की थी।
ठाकुर की तरफ से यह जनहित याचिका बीते वर्ष अक्टूबर में दायर की गई थी। अदालत ने इस पर 29 नवम्बर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जो गुरुवार को पारित किया गया।
न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह और न्यायमूर्ति वीके दीक्षित की संयुक्त पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश दिया।
अपनी याचिका में ठाकुर ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा लगाए गए रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ पर एक दूसरे को गलत ढंग से फायदा पहुंचाने के आरोपों के आधार पर इनकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की थी।
ठाकुर की तरफ से यह जनहित याचिका बीते वर्ष अक्टूबर में दायर की गई थी। अदालत ने इस पर 29 नवम्बर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जो गुरुवार को पारित किया गया।
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