मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीज जस्टिस की नियुक्ति ना करने के विरोध में दाखिल याचिका पर फिलहाल सुनवाई नहीं होगी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट (SC)ने इसे लेकर दायर याचिका पर सुनवाई को फिलहाल टाल दिया है. इस मामले को लेकर SC ने रजिस्ट्री को कहा कि जब सरकार जस्टिस अकिल कुरैशी को त्रिपुरा हाईकोर्ट के चीज जस्टिस बनाने की संशोधित सिफारिश पर कदम उठाए तो फिर इस केस को लिस्ट किया जाए. वहीं, इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि जब तक केंद्र कॉलेजियम की सोशोधित सिफारिश के तहत जस्टिस कुरैशी की नियुक्ति त्रिपुरा हाईकोर्ट के चीज जस्टिस के तौर पर ना करें तब तक सुनवाई को टाल दिया जाए.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने गुजरात हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस अकिल कुरैशी को अब मध्यप्रदेश की बजाय त्रिपुरा हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की है. वहीं, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के तीन शीर्षस्थ जजों के कॉलेजियम जस्टिस कुरैशी तो मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त करने की सिफारिश सरकार से की थी. लेकिन केंद्र सरकार ने आपत्तियों के साथ उनकी फाइल पुनर्विचार के लिए कॉलेजियम को वापस भेज दी थी.
इसके बाद ही कॉलेजियम ने केंद्र के भेजे गए मैटेरियल से सहमत होते हुए सिफारिश में संशोधन कर उन्हें मध्य प्रदेश की बजाए त्रिपुरा हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 10 मई को ही की थी. ये सिफारिश भी कॉलेजियम द्वारा उसी दिन की गई जिसके द्वारा न्यायमूर्ति डीएन पटेल की दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति को केंद्र द्वारा अधिसूचित किया गया है. एसोसिएशन ने कहा है कि माननीय न्यायमूर्ति कुरैशी की फाइल को रख लेने का उद्देश्य असंवैधानिक है.
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