बटला हाउस मामले (Batla House encounter case) में साकेत कोर्ट (Saket Court) ने आरिज खान की सजा पर फैसला सुरक्षित रखा है. कोर्ट मामले में 4 बजे फैसला सुनाएगा. सोमवार को सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि 'दोषी ने खतरनाक हथियार रखे हुए थे और इन्ही हथियारों से उसने, ड्यूटी निभाते हुए पुलिस वालों पर गोली चलाई, इसकी वजह से इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा की मौत हो गई. सरकारी वकील ने दोषी आरिज के लिए फांसी की सजा देने की मांग की. सरकारी वकील के मुताबिक, मर्डर और पुलिस वाले का मर्डर में फर्क होता है. ये बात सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने एक फैसले में मानी है. उन्होंने कहा कि दोषी सिर्फ दिल्ली में ही नही बल्कि जयपुर, अहमदाबाद और यूपी में धमाके करने में शामिल रहा है जिसमे काफी बेगुनाहों की जान गई थी.
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गौरतलब है कि वर्ष 2008 में दिल्ली ,जयपुर,अहमदाबाद और यूपी की अदालतों में हुए धमाकों का आरिज खान मुख्य साज़िशकर्ता है.इन धमाकों में 165 लोग मारे गए थे और 535 लोग घायल हो गए थे. तब इस पर 15 लाख रुपये का इनाम था और इसके खिलाफ इंटरपोल के जरिये रेड कॉर्नर नोटिस निकला हुआ था. आजमगढ़ के रहने आरिज़ खान उर्फ जुनैद को स्पेशल सेल की टीम ने फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया था. इसके पकड़े जाने से इंडियन मुजाहिद्दीन को दुबारा खड़ा करने के इसके मंसूबे ध्वस्त हो गए थे.
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आरिज ने नेपाल में एक रेस्टोरेंट खोला था और इसके अलावा वह वहां पर पढ़ाता भी था. वह नेपाल में 2014 तक रहा, इस दौरान वह रियाज़ भटकल के संपर्क में आया. रियाज़ ने उसे इंडियन मुजाहिद्दीन को दुबारा खड़ा करने के लिए सऊदी अरब बुलाया. वह 2014 में सऊदी अरब गया और वहां एक मजदूर बनकर सिमी और आईएम के लोगों से मिलता रहा. वर्ष 2017 में वो सऊदी अरब से वापस लौटा. फिर वह भारत मे इंडियन मुजाहिद्दीन को खड़ा करने के लिए नेपाल से गतिविधियां चला रहा था और 2018 में इसी सिलसिले में भारत आते वक्त पकड़ा गया था.
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