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This Article is From Feb 14, 2018

जानिये बटला हाउस एनकाउंटर के आरोपी आरिज खान ने कैसे रखा गुनाहों की दुनिया में कदम

संदिग्ध आतंकी आरिज उर्फ़ जुनैद की दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल समेत एनआईए और कई स्टेट पुलिस को 2008 से तलाश थी.

जानिये बटला हाउस एनकाउंटर के आरोपी आरिज खान ने कैसे रखा गुनाहों की दुनिया में कदम
बटला हाउस एनकाउंटर आरोपी आरिज खान (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मोस्ट वांटेड संदिग्ध आतंकी आरिज उर्फ़ जुनैद को गिरफ्तार किया है, जो बटला हाउस एनकाउंटर, दिल्ली सीरियल ब्लास्ट समेत, यूपी कोर्ट 2007 और 2008 के अहमदाबाद धमाको में वांटेड था. दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आया संदिग्ध आतंकी आरिज उर्फ़ जुनैद की दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल समेत एनआईए और कई स्टेट पुलिस को 2008 से तलाश थी. आरिज उर्फ़ जुनैद दिल्ली के बटला हाउस एनकाउंटर में फरार होने में कामयाब हो गया था और ये खुद उसी फ़्लैट L18 में अपने बाकि साथियों के साथ मौजूद था जिसमे आतंकियों से लोहा लेते हुए इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हुए थे. यहां से वह किसी तरीके से फरार होने में कामयाब हुआ और सीधा नेपाल भाग गया, जहां ये अपने साथी अब्दुल सुभान उर्फ़ तौकीर के साथ रहा और शादी भी कर ली और एक स्कूल में पढ़ाने लगा. इसके बाद ये अपने साथी के साथ 2014 सऊदी अरब चला गया और साल 2017 में वापस नेपाल आया और फिर भारत में इंडियन मुजहिद्दीन और सिमी जैसे संगठनों को दुबारा खड़ा करने की कोशिश कर रहा था.

स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के मुताबिक, मंगलवार की शाम को आरिज उर्फ जुनैद भारत नेपाल के पास बनबासा इलाके में अपने साथी से मिलने आने वाला था, उसी वक्त इसे गिरफ्तार किया गया. आरिज उर्फ़ जुनैद दिल्ली में 2008 में हुए सीरियल धमाकों का चीफ ऑपरेटर था. यही नहीं, ग्रेटर कैलाश एम ब्लॉक मार्केट में इसने खुद बम प्लांट किया था. इसके लिए बम में इस्तेमाल होने वाली बैटरी, घड़ी जैसे सामान इसने दिल्ली की लाजपत राय मार्किट से खरीदे थे. दिल्ली ब्लास्ट के अलावा जयपुर और अहमदाबाद में हुए 2008 के ब्लास्ट समेत उत्तर प्रदेश में हुए कोर्ट धमाको में भी इसकी अहम भूमिका थी. जांच में ये बात सामने आई है कि जुनैद अलग अलग धमाकों में 165 मासूम लोगों मौत और 535 घायलों का जिम्मेदार है.

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देश को सबसे बड़ी जांच एजेंसी एनआईए ने आरिज उर्फ़ जुनैद पर 10 लाख का ईनाम घोषित कर रखा था और दिल्ली पुलिस ने इसके ऊपर 5 लाख का ईनाम घोषित कर रखा था. 15 लाख के इनाम के आलावा भी कई और राज्यों की पुलिस ने भी इसके ऊपर इनाम रखा था.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को पिछले कुछ महीनों से जानकारी मिल रही थी कि इंडियन मुजाहिद्दिन और सिमी के फरार आतंकियों ने नेपाल में अपना बेस तैयार किया है और वो बेरोजगार लड़को को आतंक में शामिल करने के लिए भारत आ रहे हैं. ताकि इंडियन मुजाहिद्दीन को दुबारा से एक्टिव किया जा सके. इसी दौरान जनवरी 2018 में स्पेशल सेल को तब कामयाबी मिली, जब आरिज उर्फ़ जुनैद के एक साथी अब्दुल सुभान उर्फ़ तौकीर को गिरफ्तार किया था और तौकीर से पूछताछ के दौरान आरिज उर्फ़ जुनैद के बारे में अहम जानकारियां मिली. 

आरिज उर्फ़ जुनैद यूपी के आजमगढ़ में 30 जुलाई 1985 को पैदा हुआ था और आजमगढ़ से इसने 12वीं तक पढ़ाई की. कई एंट्रेंस एग्जाम में फेल होने के बाद इसने मुजफ्फरनगर में बीटेक में एडमिशन लिया, जहां इसका बड़ा भाई भी पढ़ता था. आजमगढ़ से दसवीं पास कर ग्याहरवीं में एडमिशन लेने जुनैद अपने साथी असादुल्लाह अख्तर उर्फ़ हड्डी उर्फ़ मिर्जा शादाब के साथ अलीगढ़ गया था, लेकिन वहा एंट्रेंस में फेल होने पर इसने फिर से आजमगढ़ में एडमिशन लिया लेकिन अलीगढ़  यूनिवर्सिटी में इसकी मुलाकात आतिफ अमिन नाम के लड़के से हुई. इसके बाद आरिज और आतिफ वापस आजमगढ़ आए और एडमिशन ले लिया. 

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2003 में आरिज की मुलाक़ात आरिफ शेख नाम के एक शख्स से आतिफ के कमरे पर हुई, जहां इन्होंने इस्लाम और मौत के बाद की जिंदगी के बारे में बात की. 2005 में आरिज खान उर्फ़ जुनैद अपने अकंल के घर दिल्ली के जाकिर नगर में शिफ्ट हो गया और इसका दोस्त आतिफ अपने भाई के घर शाहीन बाग़ रहने लगा. एक दिन आतिफ ने मुलाकत के दौरान आरिज उर्फ़ जुनैद को कराची में हथियार चलाने और बनाने की 40 दिन की ट्रेनिंग के बारे में बताया.

2005 में आतिफ, आरिज को आजमगढ़ के तकिया मोहल्ला ले गया और उसकी मुलाक़ात सादिक शेख नाम के शख्स से कराई और बातों-बातों में सादिक ने बाबरी मस्जिद को लेकर जिहाद में शामिल होने की बात की. इसके बाद फ़रवरी 2005 में आतिफ जाकिर नगर में आरिज के घर रोज आने जाने लगा और उसका बात करने का तौर तरीका सब बदल गया और उसने आतंक की दुनिया में शामिल होने के लिए आरिज खान उर्फ़ जुनैद को रेडिक्लाइज कर लिया. 

नेपाल में रहने के दौरान आरिज खान उर्फ़ जुनैद ने नेपाल का फर्जी पहचान पत्र निजाम खान के नाम से बनवा लिया और 2014 तक इसी नाम के साथ नेपाल में रहा. आरिज इसी दौरान आतंकी रियाज भटकल के संपर्क में आया और रियाज ने उसे दम्मान, सऊदी अरब में इंडियन मुजाहिद्दिन के लिए फंड अरेंज करने के लिए मोटिवेट किया और 2014 में फर्जी पासपोर्ट के जरिए ये सऊदी अरब चला गया और वहां ये सिमी के कई आतंकियों से मिला और 2017 में वापिस नेपाल आ गया और फिर बेरोजगार लड़कों को आतंक में शामिल कराने के लिए भारत आता-जाता रहा. 

आरिज खान एनआईए, दिल्ली पुलिस, गुजरात पुलिस, राजस्थान पुलिस समेत उत्तरप्रदेश पुलिस के लिए कई धमाकों में वांटेड था. जांच में ये बात भी सामने आई है कि इसके कई साथी आतंकी संगठन आईएसआईएस में भी शामिल हो चुके हैं. फिलहाल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इसे गिरफ्तार कर लिया है और अब इससे पूछताछ कर इसकी प्लानिंग और इसके साथियों के बारे में पता लगाया जा रहा है. 

VIDEO : इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी आरिज खान दिल्ली से गिरफ्तार

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