
इलाहाबाद हाईकोर्ट की फाइल फोटो
इलाहाबाद:
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को केंद्र से कहा कि वह उस जनहित याचिका पर अपना जवाब दाखिल करे, जिसमें बस, ट्रेनों और विमानों के लिए आरक्षण फॉर्म में ट्रांसजेंडरों के लिए अलग कॉलम बनाने की मांग की गई है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी के शुक्ला और न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी की पीठ ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन, सड़क परिवहन और रेल मंत्रालय से छह सप्ताह के भीतर अपना जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा। यह आदेश उर्वशी जैन द्वारा दायर जनहित याचिका पर आया।
उन्होंने दावा किया है कि तीसरे लिंग के लिए अलग कॉलम नहीं दिया जाना ट्रांसजेंडरों की अलग पहचान को मान्यता नहीं दिए जाने के समान है।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी के शुक्ला और न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी की पीठ ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन, सड़क परिवहन और रेल मंत्रालय से छह सप्ताह के भीतर अपना जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा। यह आदेश उर्वशी जैन द्वारा दायर जनहित याचिका पर आया।
उन्होंने दावा किया है कि तीसरे लिंग के लिए अलग कॉलम नहीं दिया जाना ट्रांसजेंडरों की अलग पहचान को मान्यता नहीं दिए जाने के समान है।
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