विज्ञापन
This Article is From Nov 06, 2015

गोकशी और बीफ की बिक्री पर बैन लगाने संबंधी याचिका हाईकोर्ट ने खारिज की

गोकशी और बीफ की बिक्री पर बैन लगाने संबंधी याचिका हाईकोर्ट ने खारिज की
फोटो प्रतीकात्‍मक
नई दिल्‍ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्‍ली-एनसीआर में गोकशी और गोमांस की बिक्री पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की मांग करने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी है। मुख्य न्यायाधीश जी.रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंतनाथ की बेंच ने याचिका को 'गलत समझ' पर आधारित बताते हुए इसे खारिज किया है।

बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बताया है कि इस सिलसिले में पहले से ही दिल्ली कृषि पशुधन संरक्षण कानून 1994 मौजूद है, इस कानून के तहत पहले से ही इस तरह के कामों की मनाही है। जनहित याचिका स्वामी सत्यानंद चक्रधारी ने दायर की थी। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा, 'सरकार के पास पहले से ही दिल्ली कृषि पशुधन संरक्षण कानून है, इसमें कृषि पशुधन की हत्या की मनाही है। इसमें सभी कुछ समाहित है। पहले से ही गोशालाएं मौजूद हैं। पांच गोशालाएं हैं जिनमें 23,000 गायें रह सकती हैं। अभी इनमें 10,000 रह रही हैं। निजी गोशालाएं भी हैं।'

रणवीर पैनल कोड जैसा कानून बनाने की की गई थी मांग
याचिका में कहा गया था कि दिल्ली सरकार जम्मू-कश्मीर के रणबीर पैनल कोड जैसा कानून बनाए, जिसमें गाय या ऐसे ही अन्य पशुओं की हत्या पर 10 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा गोमांस के आयात-निर्यात और राष्ट्रीय राजधानी में इससे बनी चीजों की बिक्री पर रोक लगाई जाए। याचिका में बूढ़ी गायों, बैलों, भैंसों के लिए सरकार को गोकुल ग्राम बनाने का आदेश देने की मांग की गई थी।

इसमें कहा गया था कि हाल में महाराष्ट्र सरकार ने गोमांस को रखने और बेचने पर रोक लगाने का कानून बनाया है जिसमें इस कानून का उल्लंघन करने वाले को पांच साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। याचिका में यह भी मांग की गई थी कि हाईकोर्ट के जज की निगरानी में एक समिति का गठन किया जाए जो सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए काम करे। (इनपुट एजेंसी से भी)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
दिल्‍ली हाईकोर्ट, गौकशी, बीफ बिक्री, जनहित याचिका, Delhi Highcourt, Cow Slaughter Ban, Sale Of Beef
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com