हार्दिक पटेल (फाइल फोटो)
अहमदाबाद:
नौ महीने जेल में काटने के बाद जमानत पर रिहा हुए पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने शनिवार को एक स्थानीय अदालत में हलफनामा दायर करके कहा कि वह ऐसे किसी क्रियाकलाप में शामिल नहीं होंगे, जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो।
हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका आरक्षण आंदोलन 'शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक तरीके से' जारी रहेगा। अपने वकील रफीक लोखंडवाला के जरिए सत्र न्यायाधीश एसएच ओझा की अदालत में हलफनामा दायर करने वाले हार्दिक ने कहा कि वह गुजरात हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई शर्त के अनुसार गुजरात से छह महीने बाहर उदयपुर में रहेंगे।
हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह देशद्रोह के दो मामलों में उनकी नियमित जमानत मंजूर करते हुए उनसे जमानत की सुनवाई के दौरान उनके द्वारा कही गई बातों के अनुरूप नया हलफनामा दायर करने के लिए कहा था।
अदालत ने उन्हें अपनी रिहाई के दो दिन के भीतर हलफनामा दायर करने का आदेश दिया था। अदालत ने उन्हें हलफनामे में यह शर्त भी शामिल करने को कहा था कि वह छह महीने गुजरात से बाहर रहेंगे और अपने ठहरने के स्थान का खुलासा करेंगे।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका आरक्षण आंदोलन 'शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक तरीके से' जारी रहेगा। अपने वकील रफीक लोखंडवाला के जरिए सत्र न्यायाधीश एसएच ओझा की अदालत में हलफनामा दायर करने वाले हार्दिक ने कहा कि वह गुजरात हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई शर्त के अनुसार गुजरात से छह महीने बाहर उदयपुर में रहेंगे।
हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह देशद्रोह के दो मामलों में उनकी नियमित जमानत मंजूर करते हुए उनसे जमानत की सुनवाई के दौरान उनके द्वारा कही गई बातों के अनुरूप नया हलफनामा दायर करने के लिए कहा था।
अदालत ने उन्हें अपनी रिहाई के दो दिन के भीतर हलफनामा दायर करने का आदेश दिया था। अदालत ने उन्हें हलफनामे में यह शर्त भी शामिल करने को कहा था कि वह छह महीने गुजरात से बाहर रहेंगे और अपने ठहरने के स्थान का खुलासा करेंगे।
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