अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul Afghanistan) से पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब (Guru Granth Sahib) के तीन सरूप को दिल्ली (Delhi Airport) लाया गया है. अफगानिस्तान के गुरुद्वारों से तमाम भारतीय यात्रियों के बीच सिख इन गुरु ग्रंथ साहिब को हिफाजत के साथ भारत लाए हैं. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी गुरु ग्रंथ साहिब के सरूप को सिर पर रखकर पूरे सम्मान के साथ दिल्ली एयरपोर्ट के बाहर लेकर आए. खबरों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Union Minister Hardeep Singh Puri) , विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और BJP नेता आरपी सिंह ने एक-एक गुरु ग्रंथ साहिब को ग्रहण किया. इन्हें काबुल से दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया था.
ਵਾਹੁ ਵਾਹੁ ਬਾਣੀ ਨਿਰੰਕਾਰ ਹੈ
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) August 24, 2021
ਤਿਸੁ ਜੇਵਡੁ ਅਵਰੁ ਨ ਕੋਇ ।।
ਕੁਝ ਸਮਾਂ ਪਹਿਲਾਂ ਕਾਬੁਲ ਤੋਂ ਦਿੱਲੀ ਆਏ ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੇ ਤਿੰਨ ਪਵਿੱਤਰ ਸਰੂਪ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਮੱਥਾ ਟੇਕਣ ਦੀ ਬਖਸ਼ਿਸ਼ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਈ |
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागजी के अनुसार, एय़र इंडिया की फ्लाइट 1956 काबुल से वाया दुशांबे होते हुए दिल्ली पहुंची. इसमें 78 यात्री सवार थे, जिसमें 25 भारतीय नागरिक शामिल हैं. एयर इंडिया की इस फ्लाइट में सवार यात्री भी हवाई सफर के दौरान "जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल और वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी" की फतह के नारे लगाते रहे.
अफ़ग़ानिस्तान से 3 पुरातन हस्त लिखित पवित्र गुरूग्रंथ साहिब स्वरूप लेकर अफ़ग़ान सिख समुदाय का एक दल भारत पहुँचा। तालिबान के क़ब्ज़े के बाद ये वहाँ असुरक्षित महसूस कर रहे थे। 25 भारतीयों के साथ 78 लोग दुशांबे के रास्ते भारत लौटे। अगवानी केन्द्रीय मंत्री पुरी और MoS मुरलीधरन ने की. pic.twitter.com/jAw927Y2vP
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) August 24, 2021
इसी के साथ गुरु ग्रंथ साहिब को भी लाया गया था. इसको लेकर जारी वीडियो में देखा जा सकता है कि विमान में सवार सिख इन पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को एयरपोर्ट परिसर तक लाए. वहां केंद्रीय मंत्रियों ने इन्हें ग्रहण किया. इस दौरान तमाम सिख गुरवाणी भी बोलते रहे.
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अफगान सिखों औऱ हिन्दुओं को जान का खतरा सता रहा है. तालिबान आतंकी पहले भी सिख गुरुद्वारों औऱ मंदिरों को निशाना बना चुके हैं. ऐसे में किसी भी प्रकार का कोई खतरा मोल न लेते हुए पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के इन सरूपों को भारत लाया गया है.
अफगानिस्तान के काबुल, कंधार औऱ हेरात जैसे शहरों से अल्पसंख्यकों को लगातार भारत आना जारी है. इनमें से काफी संख्या में पंजाब, दिल्ली और अन्य शहरों से ताल्लुक रखते हैं.
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