देश में कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) को मंजूरी देने की सिफारिश करने वाले सरकारी विशेषज्ञों के एक पैनल आज भारत बायोटेक (Bharat Biotech) और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) द्वारा विकसित वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को हरी झंडी दिखा दी है. सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट की कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी उपयोग की सिफारिश की है. अब रविवार सुबह 11:00 बजे देश के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया डॉ वी जी सोमानी मीडिया को अपना बयान देंगे
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के औपचारिक बयान के मुताबिक, "पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को आपातकालीन हालात में कुछ नियामक शर्तों के साथ वैक्सीन इस्तेमाल करने की मंजूरी दी गई है. वहीं हैदराबाद के भारत बायोटेक को जनहित में बहुत सावधानी के साथ, क्लीनिकल ट्रायल मोड में, यह ध्यान में रखते हुए कि म्युटेंट स्ट्रेन का संक्रमण है... आपातकालीन हालात में सीमित इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है...
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...इसके साथ ही अहमदाबाद की जायडस कैडिला (Zydus Cadila) हेल्थ केयर को फेस 3 ट्रायल करने की मंजूरी दी गई है. सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने यह सिफारिश ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को की है." अब इन दोनों वैक्सीन को अंतिम मंजूरी देने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) की अनुमति का इंतजार.
बता दें कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन भारत की पहली ऐसी COVID-19 वैक्सीन है जिसे देश की शीर्ष चिकित्सा अनुसंधान निकाय ICMR के सहयोग से स्वदेश में ही विकसित किया गया है.
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने COVISHIELD के उत्पादन के लिए एस्ट्रेजेनेका के साथ करार किया है. SII दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी है. ब्रिटेन की मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित तथा एस्ट्रेजेनेका द्वारा निर्मित टीके को बुधवार को मंजूरी प्रदान की थी.
जायडस कैडिला (Zydus Cadila) कोविड-19 की वैक्सीन बनाने की कोशिश भी कर रही है और जायकोव-डी नाम की यह वैक्सीन क्लिनिकल परीक्षण के तीसरे चरण में है.
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