यह ख़बर 09 जून, 2013 को प्रकाशित हुई थी

अटल बिहारी वाजपेयी के इलाज पर खर्च को सार्वजनिक करें : सीआईसी

खास बातें

  • आयोग ने एक आरटीआई आवेदक की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस आशय का निर्देश दिया जिसमें अस्वस्थ चल रहे 88 वर्षीय भाजपा नेता के उपचार पर हो रहे खर्च का ब्यौरा मांगा गया था।
नई दिल्ली:

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने स्वास्थ्य मंत्रालय से 15 दिनों के भीतर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उपचार पर हुए खर्च को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है।

आयोग ने एक आरटीआई आवेदक की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस आशय का निर्देश दिया जिसमें अस्वस्थ चल रहे 88 वर्षीय भाजपा नेता के उपचार पर हो रहे खर्च का ब्यौरा मांगा गया था।

मुख्य सूचना आयुक्त सत्यानंद मिश्रा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के उपचार पर होने वाले चिकित्सा खर्च का ब्यौरा स्वास्थ्य मंत्रालय के पास होना चाहिए।

आरटीआई आवेदन को बार-बार हस्तान्तरित करने की आलोचना करते हुए आयुक्त ने कहा, ‘‘हम इस बात को अश्चर्यजनक मानते हैं कि मंत्रालय सूचना का पता लगाने और अपीलकर्ता को उसे मुहैया कराने की जहमत नहीं उठा रहा है बल्कि आरटीआई आवेदन को एक शाखा से दूसरी शाखा भेज रहा है।’’

मिश्रा ने मंत्रालय से यह पता लगाने का निर्देश दिया कि सूचना कहां उपलब्ध है और इसे मुरादाबाद स्थित आरटीआई आवेदक को उपलब्ध कराने को कहा जिसने प्रधानमंत्री कार्यालय से यह जानकारी मांगी थी। उनके आवेदन को बार बार विभिन्न विभागों को भेजा जा रहा था जिसके बाद उन्होंने सूचना पाने के लिए आयोग का दरवाजा खटखटाया।

पूर्व में भी तत्कालीन मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला ने अति विशिष्ठ लोगों के उपचार पर होने वाले खर्च का खुलासा करने को सही ठहराया था। उन्होंने कहा था कि धन सरकारी खजाने से दिया जाता है, इसलिए इसका खुलासा होना चाहिए।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

हबीबुल्ला ने कहा था, ‘‘जहां तक खर्च का संबंध है, यह ऐसी सूचना है जिसका खुलासा किया जाना चाहिए क्योंकि सरकारी खजाने से खर्च की जवाबदेही होती है।’’ वाजपेयी 1996 में 13 दिनों के लिए, 1998-99 में 13 महीने के लिए और 1999 से 2004 तक तीन बार प्रधानमंत्री रहे। उनका कई बार उपचार किया गया जिसमें घुटने का ऑपरेशन शामिल है।