गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) ने राज्य की भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत सरकार पर ‘गोवा विरोधी नीतियां' अपनाने का आरोप लगाया और मंगलवार को वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग हो गई. 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में GFP के तीन विधायक हैं और पार्टी के गठबंधन से अलग होने से प्रमोद सावंत सरकार की स्थिरता पर कोई आंच नहीं आएगी क्योंकि विजय सरदेसाई नीत पार्टी सत्तासीन गठबंधन का हिस्सा नहीं है. गौरतलब है कि GFP ने 2017 में NDA को मनोहर पार्रिकर की अगुवाई में बीजेपी की सरकार बनवाने के लिए समर्थन दिया था. हालांकि पर्रिकर के 2019 में निधन के बाद प्रमोद सावंत की अगुवाई वाली सरकार में जीएफपी के तीन मंत्रियों को स्थान नहीं मिलने से पर्टियों के बीच संबंध थोड़ा तल्ख हुए थे.
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GFP की राज्य कार्यकारी समिति और राजनीतिक मामलों की समिति ने मंगलवार को बैठक की. इसके बाद पार्टी के अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर NDA से अलग होने के पार्टी के निर्णय के बारे में सूचना दी.सरदेसाई ने पत्र में कहा,‘‘ मैं आपको गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से औपचारिक रूप से अलग होने की सूचना देने के लिए पत्र लिख रहा हूं. इसमें कोई शक नहीं है कि NDA के साथ हमारे संबंध जुलाई 2019 में ही समाप्त हो गए थे,पुन:विचार की कोई गुंजाइश नहीं है.''
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उन्होंने दावा किया कि पिछले दो वर्षों में बीजेपी ने गोवा विधानसभा के सत्रों में लगातार ‘गोवा विरोधी नीतियां' पेश की है.
पार्टी ने आरोप लगाया कि जुलाई 2019 से गोवा में नेतृत्व ने राज्य की जनता से मुंह फेर लिया है,जो चहुंमुखी विकास की आस उनसे लगा कर बैठी थी. पत्र में कहा गया कि पार्टी गोवा की संस्कृति, लोगों और विरासत की रक्षा करने के लिए लगातार काम करने के वास्ते प्रतिबद्ध है.
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