रेप केस में आरोपी यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति (Gayatri Prasad Prajapati) को झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो महीने की अंतरिम जमानत देने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रोक लगा दी है. प्रजापति को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. यूपी सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम उठाया है. प्रजापति को मेडिकल ग्राउंड पर हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी. गत चार सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को अंतरिम जमानत दी है. अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे प्रजापति सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में लखनऊ जेल में बंद हैं. कोर्ट ने पांच लाख रुपये के पर्सनल बॉन्ड तथा दो जमानतदारों की शर्त के साथ उन्हें जमानत दी थी.
गायत्री प्रसाद प्रजापति ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अपनी अंतरिम बेल की अर्जी दी थी. कोर्ट ने सुनवाई के बाद दो महीने की अंतरिम जमानत की मंजूरी दी. कोर्ट ने शर्त रखी थी कि वह अंतरिम जमानत के दौरान देश छोड़कर बाहर नहीं जाएंगे. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस वेद प्रकाश वैश्य ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दो महीने की अंतरिम बेल मंजूर की थी. दो महीने बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति को सरेंडर करना था. गायत्री प्रजापति को तीन साल में पहली बार जमानत मिली थी. इस अंतरिम जमानत के लिए गायत्री प्रजापति को तीन साल पांच महीना और 20 दिन का इंतजार करना पड़ा था. बता दें कि प्रजापति ने 15 मार्च 2017 को सरेंडर किया था.
गायत्री प्रजापति को जमानत देने वाले जज को हाई कोर्ट ने किया सस्पेंड, 'मंशा' पर उठाया सवाल
गायत्री प्रजापति को मेडिकल ग्राउंड पर बेल की मंजूरी मिली थी. गायत्री ने अपनी एप्लिकेशन में हार्ट, इन्फेक्शन इत्यादि की दिक्कत बताई थी. यह बेल लखनऊ के गौतम पल्ली थाने में दर्ज रेप के मुकदमे में मिली थी. बताते चलें कि गायत्री प्रसाद प्रजापति इस समय अपना इलाज पीजीआई में करा रहे हैं. वहीं कोर्ट ने साफ कहा था कि जमानत पर बाहर रहने के दौरान गायत्री द्वारा किसी भी तरह से पीड़ित परिवार को न डराया जाएगा न ही धमकाया जाएगा. साथ ही किसी भी तरह से उन्हें प्रभवित नहीं किया जाएगा.
गैंगरेप के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की जमानत याचिका खारिज
अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति के खिलाफ 2017 में सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज हुआ था. केस में तीन जून, 2017 को गायत्री के अलावा छह अन्य पर चार्जशीट दाखिल की गई थी. इसके बाद 18 जुलाई, 2017 को लखनऊ की पॉक्सो स्पेशल कोर्ट ने सातों आरोपियों पर केस दर्ज करने का आदेश दिया था.
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