राजग सांसदों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से रविवार शाम दी जा रही चाय पार्टी में बीजेपी-शिवसेना के भव्य मिलन होने की संभावना भले ही न हो, हालांकि उनका यह पुराना सहयोगी महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए अपनी साझेदारी को पुनर्जिवित करने की दिशा में कदम उठा रही है।
सुलह के संकेतों के बीच शिवसेना के सभी सांसद प्रधानमंत्री की इस चाय पार्टी में शामिल होंगे। वहीं आरपीआई नेता रामदास अठावले ने कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में भाजपा के साथ सरकार बनाने को लेकर 'काफी उत्सुक' हैं।
इस बीच शिवसेना ने उद्धव ठाकरे के कार्यक्रम में शामिल होने के संबंध में पैदा हुए भ्रम को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम सिर्फ केंद्र में सत्तरूढ़ गठबंधन के सांसदों के लिए है, इसलिए उनके नेता नहीं जाएंगे।
नरेंद्र मोदी सरकार में शिवसेना के एकमात्र सदस्य अनंत गीते ने कहा, 'मैं इसमें शामिल होउंगा और इसी प्रकार शिवसेना के सभी सांसद शामिल होंगे।'
वहीं पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं किए जाने की शर्त पर कहा, 'प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम सिर्फ राजग सहयोगियों के सांसदों के लिए है। जब उद्धवजी सांसद नहीं हैं, तो उनके आमंत्रित किए जाने का सवाल ही कहां है? यह पूछे जाने लायक सवाल भी नहीं है।'
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि राजग के अन्य घटक दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है और उद्धव को छोड़ दिया गया है।
उन्होंने कहा, 'यह ऐसा नहीं है जैसे (पंजाब के मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल नेता) प्रकाश सिंह बादल को आमंत्रित किया गया है और उद्धवजी को नहीं। चूंकि (केंद्रीय खाद्य मंत्री और लोजपा नेता) राम विलास पासवान संसद के सदस्य हैं, उन्हें कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है। यहां तक कि हमारे सांसदों को भी आमंत्रित किया गया है और वे कार्यक्रम में शामिल होंगे।'
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