जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में लश्कर-ए-तैयबा के पांच आतंकी ढेर हो गए और एक जवान शहीद हो गया.पुलवामा जिले के राजपोरा इलाके के हंजिन गांव में शुक्रवार को कुछ आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी. जानकारी के आधार पर पुलवामा स्थित राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त बलों ने 1 और 2 जुलाई की मध्यरात्रि एक सर्च ऑपरेशन शुरू किया. जिसमें शुरुआती घेराबंदी में घर-घर जाकर आतंकियों की तलाशी ली गई. सुरक्षा बलों की तरफ से ऐसा माहौल बनाया गया कि किसी स्थिति में आतंकी भागने की कोशिश करते हैं तो उनका ऐसा करना व्यर्थ होगा. इसके बाद आतंकियों ने राष्ट्रीय राइफल्स के हवलदार काशीराय बी पर अंधाधुंध फायरिंग की. उन्हें तुरंत 92 बेस अस्पताल श्रीनगर ले जाया गया. लेकिन उन्होंने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया.
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में एक जवान शहीद, 4 आतंकवादी घिरे
आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सुरक्षा बलों ने इलाके की फिर से घेराबंदी शुरू की. सुरक्षाबलों ने कई बार आतंकियों को आत्मसमर्पण करने के मौके दिए. लेकिन आतंकियों ने सुरक्षाबलों द्वारा की गई अपील पर ध्यान नहीं दिया. सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच जमकर गोलीबारी हुई. इस मुठभेड़ में कई बार ऐसा हुआ कि आतंकी भागने की कोशिश किए. लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें भागने नहीं दिया. अंत में दो दिन के लंबे ऑपरेशन के बाद लश्कर-ए-तैयबा के पांच आतंकी इस मुठभेड़ में मारे गए. लश्कर-ए-तैयबा के पांच आतंकियों में से त्राल का रहने वाला निशाज हुसैन लोन और एक पाकिस्तानी आतंकी शामिल है. मुठभेड़ स्थल से 2 एके-47, 1 एसएलआर, 2 पिस्तौल और अन्य हथियार बरामद किए गए.
पुलवामा में आतंकियों ने घर में घुसकर बरसाईं अंधाधुंध गोलियां, SPO और पत्नी की मौत
पुलिस के अनुसार आतंकवादियों को कई कई कुख्यात कृत्यों के अपराधी के रूप में जाना जाता था. उन्होंने क्षेत्र के लोगों को कई बार आतंकित किया था. लेकिन इस मुठभेड़ के बाद आतकियों के संगठन को कड़ा संदेश गया है, कि वो कुछ भी कर लें लेकिन अपने मंसूबों में कभी सफल नहीं हो पाएंगे. वो कभी निर्दोष नागरिकों को धमकी नहीं दे सकते हैं. कभी उनको नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे.
बता दें कि 27 जून को आतंकियों ने पुलवामा जिले में स्पेशल पुलिस अफसर (SPO) के घर में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग की थी. एसपीओ को निशाना बनाकर किए गए इस हमले में एसपीओ, उनकी पत्नी और बेटी की मौत हो गई थी. आतंकियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया था. जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने आतंकियों के हमले की पुरजोर निंदा की थी.
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