हर एक फ्रैंड जरूरी होता है, ये जुमला आजकल के युवकों की जबान पर छाया रहता है। लेकिन वही दोस्त जब दुश्मन बन जाए, तो क्या कहेगें? मुंबई में एक ऐसा वाकया सामने आया है, जिसमें दोस्ती पर कलंक लगा है, तो दोस्ती की मिसाल भी दिखी है।
एक भवन निर्माता के बेटे को उसके दोस्त ने अग्रीपाडा इलाके में बुलाया और फिर उसे अगवा करवा लिया। चाकू की नोक पर हुई इस किडनैपिंग से 8 लाख की फिरौती भी वसूल की गई। लेकिन उन रुपयों से आरोपी मजा उड़ा पाता, इसके पहले ही पकड़ा गया और किडनैपिंग की पूरी साजिश का पर्दाफाश हो गया।
लेकिन इस कहानी का दूसरा पहलू यह है कि जब अगवा करने वालों ने 8 लाख रुपये की फिरौती के लिए उसके दूसरे दोस्तों को फोन करवाया, तो उन्होनें कुछ घंटों में ही रुपये का इंतजाम कर छुड़वा भी लिया। हालांकि यह भी सवाल है कि कॉलेज जाने वाले दोस्तों ने कुछ ही घंटों में 8 लाख रुपये कहां से और कैसे जुटाए?
पुलिस उपायुक्त एस जयकुमार के मुताबिक पीड़ित नाबालिग है। वह और आरोपी दोनों एक-दूसरे के अच्छे मित्र हैं। साथ में ही घूमते हैं और पब में जाते हैं। लड़के की आर्थिक स्थिती अच्छी है, यह उस दोस्त को पता था, इसलिए उसने बांद्रा में रहने वाले अपने चार दोस्तों के साथ मिलकर फिरौती की रकम वसूलने की साजिश रची।
पुलिस उस पर शक न करे, इसलिए किडनैपिंग होने के ठीक पहले बहाने से कहीं दूर चला गया। किडनैपरों ने अग्रीपाडा से बांद्रा के बीच में चार टैक्सी बदली। फिरौती की रकम भी उसके दोस्तों से मंगवाई, घर वालों और पुलिस को कुछ न बताने के लिए धमकाया भी था। बाद में देर रात फिरौती की रकम मिलने के बाद उसे बांद्रा में ही लीलावती अस्पताल के पास छोड़ दिया था।
लेकिन जैसे ही लड़के के घरवालों को किडनैपिंग की बात पता चली, उन्होंने पुलिस को खबर किया और फिर कुछ ही घंटों में पांचों आरोपी हवालात में पहुंच गए। पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपी के खिलाफ पहले भी एक कॉलेज छात्र को अगवा कर मारपीट करने का मामला दर्ज है।
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