कोरोना संकट के बीच पहली 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' विशाखापट्टनम से महाराष्ट्र रवाना हुई

राष्ट्रीय इस्पात निगम के संयंत्र से रवाना हुई ऑक्सीजन एक्सप्रेस के प्रत्येक टैंकर को 15 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन से भरा गया है

कोरोना संकट के बीच पहली 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' विशाखापट्टनम से महाराष्ट्र रवाना हुई

देश की पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम से महाराष्ट्र रवाना हुई.

मुंबई:

Coronavirus: देश की पहली "ऑक्सीजन एक्सप्रेस" (Oxygen Express) ट्रेन गुरुवार को विशाखापट्टनम से महाराष्ट्र के लिए रवाना हुई. महाराष्ट्र में  COVID-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और अस्पतालों में गंभीर रोगियों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. ऑक्सीजन टैंकरों को ले जाने वाली ट्रेन शाम को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम शहर के राष्ट्रीय इस्पात निगम (RINL) से रवाना हुई.

रेलवे ने एक बयान में कहा है कि "... महाराष्ट्र के सात खाली टैंकर आज तड़के विशाखापत्तनम पहुंचे. इनमें लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) सुबह ही भर दिया गया." रेलवे ने कहा कि "प्रत्येक टैंकर को 15 टन LMO से भरा गया है और शाम को ट्रेन महाराष्ट्र की ओर रवाना हो गई. ईस्ट कोस्ट रेलवे के वाल्टेयर डिवीजन और RINL के अधिकारियों के संयुक्त प्रयास से इस परियोजना को सफल बनाया गया है.”

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्रेन को रवाना करने का एक वीडियो ट्वीट किया है. गोयल ने कहा कि लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंकरों से भरी पहली 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' ट्रेन महाराष्ट्र के विजाग के लिए रवाना हुई है. रेलवे सभी नागरिकों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक वस्तुओं का परिवहन और नवाचार के जरिए कठिन समय में राष्ट्र की सेवा करना जारी रखेगा. 

रेलवे स्टील प्लांटों से "ऑक्सीजन एक्सप्रेस" ट्रेन चलाएगा. यह प्लांट देश के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं.

रेलवे ने कहा कि "रेलवे ने आवश्यक वस्तुओं का परिवहन किया और पिछले साल लॉकडाउन के दौरान भी आपूर्ति श्रृंखला को बरकरार रखा, आपात स्थिति में देश की सेवा जारी रखी. इस बार देश के विभिन्न हिस्सों में 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' के आवागमन से मरीजों और विभिन्न अस्पतालों को मदद मिलेगी. महाप्रबंधक विद्या भूषण ने इस कार्य को अंजाम देने के लिए मंडल रेल प्रबंधक चेतन श्रीवास्तव के नेतृत्व वाली वाल्टेयर टीम को बधाई दी.

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हाल के सप्ताहों में कोविड के मामलों में भारी वृद्धि हुई है जिसे कि महामारी की दूसरी लहर कहा जा रहा है. दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए ऑक्सीजन या अस्पताल का बिस्तर खोजने की कोशिश कर रहे हताश लोगों की परेशानी के उदाहरण सोशल मीडिया पर साझा किए जा रहे हैं.