सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा है कि हाईकोर्ट जजों की नियुक्ति युद्धस्तर पर की जाएगी.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर ने कहा कि जजों की नियुक्ति को लेकर मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (एमओपी) को कॉलेजियम ने क्लियर कर दिया है. अब हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति का काम युद्धस्तर पर होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले हाईकोर्ट में जजों के खाली पदों को भरा जाएगा उसके बाद हम जजों की संख्या बढ़ाने को लेकर विचार करेंगे. जजों की नियुक्ति और रिक्त पदों को लेकर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की कमेटी बनाई गई है. कुछ याचिकाएं विचार के लिए कमेटी के पास भेजी गईं हैं.
गत 15 महीनों से कोलेजियम और केंद्र के बीच चला टकराव खत्म हो गया है. हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के मामले में दाखिल याचिकाओं का सुप्रीम कोर्ट ने निस्तारण कर दिया और याचिकाकर्ता की उस दलील को ठुकरा दिया है जिसमें कहा गया था कि कोर्ट केंद्र को निर्देश जारी करे कि देश में जजों की संख्या बढ़ाई जाए.
देशभर के हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. पिछले हफ्ते ही कोलेजियम ने मेमोरेंडम आफ प्रोसीजर को तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा है. यह मामला काफी वक्त से सरकार और सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम के बीच लटका है जो अब लगभग तय हो गया है. यहां नेशनल सिक्योरिटी के प्रावधान को लेकर दोनों में मतभेद था जो अब खत्म हो गया है.
इससे पहले सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि जजों की नियुक्ति को लेकर दाखिल याचिका खारिज की जाए. यह मामला सरकार और सीजेआई के बीच का है. जजों की नियुक्ति का मामला प्रशासनिक स्तर का है और इसे लेकर समानांतर न्यायिक सुनवाई नहीं चल सकती. अगर सीजेआई सरकार से कोई जानकारी मांगते हैं तो सरकार देने को तैयार है. सरकार पहले ही सीजेआई को जजों की नियुक्ति के लिए एमओपी दे चुकी है. दो महीने में समाधान निकलने की उम्मीद है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के रवैए पर सवाल उठाए थे और कहा था कि हाईकोर्ट बंद करने की नौबत आ गई है. अगर सरकार हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति नहीं करती तो कोर्ट आदेश जारी करने पर मजबूर होगा.
गत 15 महीनों से कोलेजियम और केंद्र के बीच चला टकराव खत्म हो गया है. हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के मामले में दाखिल याचिकाओं का सुप्रीम कोर्ट ने निस्तारण कर दिया और याचिकाकर्ता की उस दलील को ठुकरा दिया है जिसमें कहा गया था कि कोर्ट केंद्र को निर्देश जारी करे कि देश में जजों की संख्या बढ़ाई जाए.
देशभर के हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. पिछले हफ्ते ही कोलेजियम ने मेमोरेंडम आफ प्रोसीजर को तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा है. यह मामला काफी वक्त से सरकार और सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम के बीच लटका है जो अब लगभग तय हो गया है. यहां नेशनल सिक्योरिटी के प्रावधान को लेकर दोनों में मतभेद था जो अब खत्म हो गया है.
इससे पहले सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि जजों की नियुक्ति को लेकर दाखिल याचिका खारिज की जाए. यह मामला सरकार और सीजेआई के बीच का है. जजों की नियुक्ति का मामला प्रशासनिक स्तर का है और इसे लेकर समानांतर न्यायिक सुनवाई नहीं चल सकती. अगर सीजेआई सरकार से कोई जानकारी मांगते हैं तो सरकार देने को तैयार है. सरकार पहले ही सीजेआई को जजों की नियुक्ति के लिए एमओपी दे चुकी है. दो महीने में समाधान निकलने की उम्मीद है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के रवैए पर सवाल उठाए थे और कहा था कि हाईकोर्ट बंद करने की नौबत आ गई है. अगर सरकार हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति नहीं करती तो कोर्ट आदेश जारी करने पर मजबूर होगा.
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