असम में नागरिकों की अंतिम सूची (NRC) शनिवार सुबह 10 बजे ऑनलाइन प्रकाशित कर दी जाएगी. किसी भी शख्स को भारतीय या गैर-भारतीय बताने वाली पहली सूची प्रकाशित होने के एक साल बाद आने वाली इस सूची में 41 लाख से ज़्यादा लोगों के नाम दर्ज नहीं हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान जम्मू एवं कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट देने के बाद अंतिम NRC सूची की घोषणा सबसे बड़ा घटनाक्रम होगा. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने NDTV को बताया, "सूची सुबह 10 बजे तक ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएगी, और जिनके पास इंटरनेट नहीं है, वे राज्य सरकार द्वारा स्थापित किए गए सेवा केंद्रों में जाकर अपना स्टेटस चेक कर सकते हैं..."
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) पहली बार 1951 में प्रकाशित किया गया था, और अब उसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अपडेट किया जा रहा है, ताकि असम में रह रहे भारतीय नागरिकों और उन लोगों को अलग-अलग किया जा सके, जो मार्च 25, 1971 के बाद गैरकानूनी तरीके बांग्लादेश से भारत में घुसे.
The Goverment has ensured adequate safeguards for people whose name may not appear in the Final NRC.
— Assam Police (@assampolice) August 29, 2019
Don't believe rumours, as some elements are trying to create confusion in society.
Safety of citizens is our top priority.#OurNRCFairNRC pic.twitter.com/81ilCotSCT
बांग्लादेश की सीमा से सटे पूर्वोत्तर राज्य में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और सार्वजनिक स्थानों पर चार से ज़्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लागू कर दी गई है. गुवाहाटी समेत सभी संवेदनशील इलाकों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां हिंसा भड़कने की घटनाएं अतीत में हो चुकी हैं.
केंद्र सरकार ने 20,000 अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बल असम में भेजे हैं. असम पुलिस ने भी ट्वीट किया है कि सरकार ने 'उन लोगों की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं, जिनके नाम NRC में शामिल नहीं होंगे... अफवाहों पर यकीन नहीं करें, क्योंकि कुछ तत्व समाज में कन्फ्यूज़न पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं... नागरिकों की सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है...'
केंद्र सरकार भी कह चुकी है कि जिन लोगों के नाम अंतिम NRC में दर्ज नहीं होंगे, उन्हें तब तक विदेशी घोषित नहीं किया जा सकता, जब तक सभी कानूनी विकल्प इस्तेमाल नहीं किए जाते. NRC में दर्ज नहीं होने वाला हर शख्स विदेशी ट्रिब्यूनल में अपील कर सकता है, और अपील करने की डेडलाइन को 60 दिन से बढ़ाकर 120 दिन कर दिया गया है.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने अनाम रहने का आग्रह करते हुए कहा, "उन्हें विदेशी ट्रिब्यूनल में अपना केस प्रस्तुत करने की अनुमति दी जाएगी... राज्य सरकार कह चुकी है कि जो NRC में दर्ज नहीं होंगे, उन्हें किसी भी स्थिति में तब तक हिरासत में नहीं लिया जाएगा, जब तक ट्रिब्यूनल उन्हें विदेशी घोषित नहीं कर देता..."
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