राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा की फाइल फोटो
पहले राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता उपेन्द्र कुशवाहा को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर ऐलान करने के बाद अब उनकी पार्टी ने बीजेपी लीडरशिप के सामने कुल 243 सीटों में से 68 सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव रख दिया है।
एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में पार्टी के प्रधान सचिव और मुख्य प्रवक्ता शिवराज सिंह ने कहा, 'हमने बीजेपी के सामने ये प्रस्ताव रखा है कि 2010 में पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 102 सीट पर चुनाव लड़ा था जबकि एलजेपी, जो उस वक्त अलग गठवंधन के साथ थी, उसने 74 पर चुनाव लड़ा था।
अब 243 में से बाकि की 67 सीटों पर हमें चुनाव लड़ने दिया जाए।' सीटों की खींचतान पर लोक जनशक्ति पार्टी फिलहाल चुप है। इन चुनावों में एनडीए के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की पसंद बीजेपी पर छोड़ चुकी लोक जनशक्ति पार्टी अभी सीटों को लेकर अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है।
पार्टी के नेता और सांसद चिराग पासवान ने एनडीटीवी से कहा, 'लोक जनशक्ति पार्टी में इस मुद्दे पर अभी चर्चा नहीं शुरू हुई है। अभी तो हम उम्मीदवारों का आकलन कर रहे हैं।
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए की तरफ से मुख्यमंत्री पद का दावेदार कौन हो, किस घटक दल को कितनी सीटें दी जाए ये सवाल पेचीदा है और इस पर पार्टियों के अंदर भी आम राय नहीं है। अब ये देखना अहम होगा कि बीजेपी लीडरशिप सहयोगियों के राजनीतिक मोल-तोल से कैसे निपटनी है।
एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में पार्टी के प्रधान सचिव और मुख्य प्रवक्ता शिवराज सिंह ने कहा, 'हमने बीजेपी के सामने ये प्रस्ताव रखा है कि 2010 में पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 102 सीट पर चुनाव लड़ा था जबकि एलजेपी, जो उस वक्त अलग गठवंधन के साथ थी, उसने 74 पर चुनाव लड़ा था।
अब 243 में से बाकि की 67 सीटों पर हमें चुनाव लड़ने दिया जाए।' सीटों की खींचतान पर लोक जनशक्ति पार्टी फिलहाल चुप है। इन चुनावों में एनडीए के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की पसंद बीजेपी पर छोड़ चुकी लोक जनशक्ति पार्टी अभी सीटों को लेकर अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है।
पार्टी के नेता और सांसद चिराग पासवान ने एनडीटीवी से कहा, 'लोक जनशक्ति पार्टी में इस मुद्दे पर अभी चर्चा नहीं शुरू हुई है। अभी तो हम उम्मीदवारों का आकलन कर रहे हैं।
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए की तरफ से मुख्यमंत्री पद का दावेदार कौन हो, किस घटक दल को कितनी सीटें दी जाए ये सवाल पेचीदा है और इस पर पार्टियों के अंदर भी आम राय नहीं है। अब ये देखना अहम होगा कि बीजेपी लीडरशिप सहयोगियों के राजनीतिक मोल-तोल से कैसे निपटनी है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं