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4 years ago
नई दिल्ली:

पिछले सात दिनों से लगाातर चल रहे किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protests) का गुरुवार को आठवां दिन हो गया है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt. Amarinder Singh) ने आज गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने दोनों पक्षों से इस मुद्दे को सुलझाने की अपील की. किसानों के प्रतिनिधि मंडल की आज फिर सरकार से बातचीत हो रही है. सरकार से वार्ता होने से पहले ही किसानों ने दो टूक में कह दिया था कि आज की बातचीत में सरकार के पास उनकी मांगें मानने के लिए आखिरी मौका है. किसानों के साथ मंगलवार को ही सरकार की बातचीत बेनतीजा रही थी. ऐसे में आज सरकार को कुछ ठोस परिणाम देने होंगे. किसानों ने पहले ही आगाज कर दिया है कि वो अपनी मांगें न माने जाने की स्थिति में महीनों तक धरना देने की तैयारी के साथ आए हैं.

Updates on Farmers Protest Delhi​

किसानों के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में पंजाबी गायकों ने बनाए गीत
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, दिल्ली की सीमा पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का, पंजाबी गायक अपने लुभावने गीतों के साथ समर्थन कर रहे हैं. इन्ही में से एक गीत के बोल हैं "मुड़दे नी लेये बिना हक, दिल्लिये" यानी दिल्ली हम अपना हक लिए बिना वापस नहीं लौटेंगे. इससे पंजाबी किसानों का नए कानूनों को रद्द करने की मांगों के प्रति दृढ़ निश्चय झलक रहा है.
''सरकार को कोई अहंकार नहीं'', किसानों के साथ 7 घंटे चली बैठक के बाद बोले कृष‍ि मंत्री, शनिवार को वार्ता का अगला दौर
कृषि कानूनों के विरोध में करीब आठ घंटे के बाद केंद्र सरकार और किसानों के बीच बैठक खत्‍म हुई है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra singh Tomar) ने बताया कि बातचीत सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में हुई.उन्‍होंने कहा कि किसानों और सरकार ने अपना-अपना पक्ष रखा है. कृषि मंत्री ने कहा कि दो-तीन बिंदुओं पर किसानों की चिंता थी, हम हर मुद्दे पर खुले मन से बात कर रहे हैं, हमारा कोइ अहम नहीं है.
सरकार और किसान नेताओं की बैठक खत्म, अब 5 द‍िसंबर को होगी अगले दौर की वार्ता.

कई पंजाबी हस्तियां लौटा सकती हैं अपने अवॉर्ड्स

किसान आंदोलन के समर्थन में अवॉर्ड वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है. प्रकाश सिंह बादल और परगट सिंह ने पहले ही इस संबंध में घोषणा कर दी है. अब 20 से ज्यादा अर्जुन अवॉर्डी खिलाड़ियों के भी अवॉर्ड वापस करने की योजना है, ऐसी जानकारी सामने आ रही है. अर्जुन अवॉर्डी तारा सिंह, करतार सिंह पहलवान और पद्मश्री प्रेमचंद ढींगरा सहित कई बड़े अवॉर्ड विनर प्लेयर्स शनिवार को अपने अवॉर्ड वापस करने की योजना बना रहे हैं.
नोएडा में बड़ी संख्या में किसान डॉ. अंबेडकर मेमोरियल पार्क में अपना विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. यहां पर भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के प्रवक्ता राजीव मलिक ने बताया कि उनके संगठन के दो सदस्यों ने सरकार के साथ चल रही बातचीत में हिस्सा लिया है और उनकी MSP पर सरकार से गहरी बातचीत हुई है.
ममता ने भी दी देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन करने की धमकी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि यदि 'किसान विरोधी' नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो वह देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगी. तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने एक साथ कई ट्वीट करते हुए कहा, 'मैं किसानों, उनके जीवन और उनकी आजीविका के बारे में बहुत चिंतित हूं. भारत सरकार को किसान विरोधी कानून वापस लेना चाहिए. यदि वह तत्काल ऐसा नहीं करते हैं तो हम राज्य और देश भर में विरोध प्रदर्शन करेंगे. शुरुआत से ही हम इन किसान विरोधी विधेयकों का विरोध कर रहे हैं.'

बनर्जी ने कहा, 'हमने शुक्रवार, चार दिसंबर को अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की एक बैठक बुलाई है. हम इस पर चर्चा करेंगे कि आवश्यक वस्तु अधिनियम से आम लोगों पर क्या प्रभाव पड़ रहा है और इससे महंगाई कितनी बढ़ रही है. केंद्र सरकार को इस जनविरोधी कानून को वापस लेना चाहिए.'
हॉकी दिग्गज परगट सिंह भी वापस करेंगे पद्मश्री अवॉर्ड

इंडियन हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और दो बार के ओलंपियन परगट सिंह ने भी किसान आंदोलन के समर्थन में अपना पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का फैसला किया है. उन्हें साल 1998 में यह अवॉर्ड दिया गया था. फिलहाल वो जालंधर कैंट से कांग्रेस के विधायक हैं.
गाजीपुर बॉर्डर पर बढ़ा किसानों का जत्था

गाजीपुर बॉर्डर पर शाम होते होते 52 ट्रैक्टरों में भरकर और किसान पहुंच गए हैं. गाजियाबाद की तरफ से नेशनल हाईवे 24 पर दिल्ली में एंट्री पहले ही बंद हो चुकी है. यहां पुलिस और किसानों की नोंक-झोंक हुई है. पुलिस यहां किसानों को रोड खाली करने को बोल रही थी, वहीं किसान इसका विरोध कर रहे थे. 
राजस्थान में किसानों ने कई स्थानों पर चक्काजाम किया

राजस्थान के कई इलाकों में किसानों ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन और चक्काजाम किया. इससे जयपुर-दिल्ली मार्ग सहित अनेक सड़कों पर आवागमन बाधित हुआ. किसान संगठनों ने दोपहर दो बजे तक चक्काजाम किया. राजधानी जयपुर में किसान संघर्ष संयुक्त समन्वय समिति की अगुवाई में किसानों ने सूरजपोल मंडी के सामने चक्काजाम किया. अधिकारियों के अनुसार किसानों के प्रदर्शन से वाहनों का आवागमन प्रभावित हुआ.

उन्होंने बताया कि हनुमानगढ़, गंगानगर व बीकानेर जिलों में भी किसान संगठनों ने चक्काजाम किया.
एक किसान नेता के अनुसार चक्काजाम में अखिल भारतीय किसान सभा, माकपा, एनएसयूआई सहित कई संगठनों ने भाग लिया. किसान संगठन केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और इन्हें वापस लेने की मांग कर रहे हैं. (भाषा)
बैठक में पहुंचे किसान नेताओं ने सरकार का लंच ठुकराकर आपस में कुछ ऐसे लंगर का खाना बांटकर खाया. 
प्रकाश सिंह बादल के अवॉर्ड वापसी पर बोले सुखबीर बादल

शिरोमणि अकाली दल के मुखिया सुखबीर बादल ने ANI से कहा कि 'प्रकाश सिंह बादल पूरी जिंदगी किसानों के लिए लड़े. उन्होंने सरकार को एक सख्त संदेश भेजने के लिए यह कदम उठाया है. किसानों को जब इन किसानों की जरूरत ही नहीं हो तो सरकार उनपर थोप क्यों रही है?'
सरकार के लंच को किसान नेताओं ने ठुकराया

जानकारी है कि किसान संगठनों की सरकार के साथ बैठक में किसानों ने सरकार की ओर से दिए गए लंच के ऑफर को मना कर दिया और अपने साथ लाया गया खाना ही खाया है. किसानों ने बताया कि अभी लंच ब्रेक हुआ है. सरकार ने उन्हें खाने का ऑफर दिया था लेकिन उन्होंने मना कर दिया और अपने साथ ले जाए गए लंगर के खाने को ही खाया.
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे ब्लॉक

किसानों ने NH-24 (गाज़ियाबाद मेरठ एक्सप्रेसवे) को ब्लॉक कर दिया है. जानकारी है कि यहां पर उनकी पुलिस के साथ झड़प भी हुई है.
किसानों की सरकार के साथ बैठक जारी

किसान संगठनों की केंद्र सरकार के बीच बातचीत जारी है. विज्ञान भवन में चल रही बैठक में किसान अपनी समस्या बिंदुवार प्रेजेंटेशन में समझा रहे हैं. जानकारी है कि सरकार और किसान प्रतिनिधि एक-एक बिंदु पर बात कर रहे हैं. 
प्रकाश सिंह बादल ने लौटाया पद्म विभूषण

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने किसान आंदोलन के समर्थन और उनपर किए गए सांप्रदायिक कटाक्षों के विरोध में अपना प्रतिष्ठित पद्म विभूषण अवॉर्ड लौटा दिया है. उन्होंने इसके लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है.
अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा उठाया 


अमरिंदर सिंह ने अमित शाह के साथ मीटिंग खत्म करने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि 'केंद्र सरकार और किसानों के बीच में बातचीत चल रही है, इसमें मेरी ओर से कुछ हल करने जैसा नहीं है. मैंने गृहमंत्री के साथ अपनी मीटिंग में अपना पक्ष रखा और कहा कि इस मुद्दे का जल्द से जल्द हल निकालें क्योंकि इससे एक तो अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है, वहीं इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा है.'
किसान संगठनों के नेता सरकार के साथ मीटिंग के लिए पहुंचे

किसान नेता सरकार के साथ मीटिंग के लिए विज्ञान भवन पहुंच गए हैं. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पीयूष गोयल भी यहां पहुंच चुके हैं. नरेंद्र तोमर ने मीटिंग के पहले कहा कि उनकी आशा है कि बातचीत से सकारात्मक नतीजे निकलकर आएं.



कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों से सरकार की मीटिंग के पहले एक ट्वीट में कहा है कि सरकार अगर किसानों की बात नहीं मानती है तो यह विश्वासघात से कम नहीं होगा.
मुंबई में भी प्रदर्शन

कामगार संघटना संयुक्त कृति समिति आज मुंबई में किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रही है. मुम्बई में भारत माता सिनेमा के पास  अलग अलग यूनियन के मजदूर इकट्ठा होकर नारेबाजी कर रहे हैं. मोदी के भ्रमजाल  के आरोप में यूनियन नेताओँ का कहना है कि नरेंद्र मोदी खुद सबसे बड़े भ्रमजाल हैं. वो किसान कानून के जरिये सबकुछ निजी हाथों में देकर मजदूरों को भी बेकार कर रहे हैं.

अमरिंदर सिंह, गृहमंत्री के साथ मीटिंग के लिए पहुंचे

अमरिंदर सिंह मीटिंग के लिए पहुंच गए हैं.
गाज़ियाबाद के ADM की किसानों से अपील

शैलेन्द्र सिंह,ADM सिटी, ग़ाज़ियाबाद ने बताया कि वो रास्ता खाली करने के लिए किसानों से अपील कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'हम किसानों से निवेदन कर रहे हैं कि सब बड़े हॉस्पिटल दिल्ली में है, कोविड का समय है। भारी मात्रा में इस रूट से एंबुलेंस निकलती हैं। अगर पीछे कोई कैजुअल्टी हो जाएगी तो आपको क्या फायदा होगा? आपका बिल को लेकर विरोध है तो इसको लेकर उसके सर पर बात चल रही है आज भी बात हो रही है. हम उन से निवेदन कर रहे हैं की जन सामान्य की आवश्यकता के लिए इस रूट को बहाल होने दें. दिल्ली जाने वाले रूट पर कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.'
किसानों ने सरकार पर किसान एकता को तोड़ने के लिए विभाजनकारी एजेंडा चलाने का लगाया है आरोप

प्रदर्शन कर रहे किसानों के नेताओं ने बुधवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर सरकार से नये कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने और किसानों की एकता को भंग करने के लिए 'विभाजनकारी एजेंडे में नहीं शामिल होने' की मांग की. 

आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चो को-ऑर्डिनेशन कमिटी ने पत्र में कहा है, ' हम सरकार से किसान आंदोलन के संबंध में किसी भी विभाजनकारी एजेंडे में शामिल नहीं होने की मांग करते हैं क्योंकि यह आंदोलन इस वक्त अपनी मांगों पर एकजुट है. यह कल की बैठक प्रक्रिया से स्पष्ट है.' पत्र के अनुसार नेताओं ने केंद्र से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि विभिन्न किसान संगठनों एवं उनके गठबंधनों के प्रतिनिधि किसान तय करें न कि सरकार तय करे तथा इस आंदोलन के अगुवा ऑल इंडिया गठबंधन को चर्चा में प्रतिनिधित्व मिले. (भाषा)
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अपने आवास से निकल चुके हैं. आज वो किसान नेताओं से मीटिंग करने वाले हैं. मंगलवार को भी उन्होंने किसान प्रतिनधि मंडल से बातचीत की थी.
किसानों ने किए कई रास्ते ब्लॉक

किसानों ने गुरुवार को नोएडा-चिल्ला बॉर्डर और NH-24 (गाजियाबाद-मेरठ एक्सप्रेसवे) को ब्लॉक कर दिया. अभी यहां पर गाज़ियाबाद से दिल्ली जाने वाला रास्ता बंद है, लेकिन दिल्ली से यूपी जाने वाले कैरिजवे को खुला रखा गया है.
किसानों का आंदोलन अपने आठवें दिन में प्रवेश कर चुका है. गुरुवार को किसान संगठनों की एक बार फिर सरकार से मुलाकात होनी है. किसानों ने कहा है कि सरकार के पास यह आखिरी मौका है. वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भी आज गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने वाले हैं. 

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