पुड्डुचेरी के प्रसिद्ध अरबिंदो आश्रम से निकाले जाने के एक दिन बाद पांच बहनों और उनके परिजनों ने आज सुबह समुद्र में छलांग लगा दी।
पुलिस ने बताया कि इस घटना में दो बेटियों और उनकी मां की मौत हो गई, जबकि उनके पिता और अन्य तीन बेटियों को मछुआरों ने बचा लिया और फिलहाल अस्पताल में उनका उपचार चल रहा है।
इससे पहले पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुसरण करते हुए बिहार से ताल्लुक रखने वाली इन पांच बहनों को कल आश्रम के आवासीय क्वार्टर से बाहर निकाल दिया था।
पुलिस कल जब उन्हें आश्रम से निकालने आई थी, तब इन बहनों में से एक हेमलता प्रसाद इस बहुमंजिला इमारत के ऊपरी छत पर चढ़ गई थी और धमकी दी थी कि अगर पुलिस और आश्रम ट्रस्ट ने उन्हें बाहर किया तो वह खुदकुशी कर लेगी।
पुलिस उसे किसी तरह नीचे लाने में कामयाब रही। ये बहनें आश्रम में कई वर्षों से रह रही थीं। पांचों बहनों और आश्रम ट्रस्ट के बीच विवाद की शुरुआत 2002 में उस वक्त हुई जब आश्रम ने अनुचित आचरण के लिए हेमलता के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की।
आश्रम के सूत्रों को बताया कि इन बहनों ने यहां कई लोगों पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे और साल 2004 में राष्ट्रीय महिला आयोग के पास शिकायत की थी।
महिला आयोग ने जांच के बाद पाया कि इन बहनों की ओर से लगाए गए आरोप गलत हैं और वे स्वभाव से दुर्भावनापूर्ण हैं। इन लोगों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास भी शिकायत की थी। इस आयोग ने भी शिकायत को गलत पाया।
इसके बाद इन बहनों ने स्थानीय अदालत का रुख किया। अदालत ने आश्रम से कहा कि बहनों को सुविधाओं से मना नहीं किया जाए। इसके बाद आश्रम ने मद्रास हाईकोर्ट में अपील की, जिसने इनको दो सितंबर, 2012 तक आश्रम छोड़ने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ इन बहनों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन वहां भी इन्हें कोई राहत नहीं मिली। शीर्ष अदालत ने 31 जुलाई तक उनसे आश्रम छोडने कहा, लेकिन फिर भी वहीं रहीं। इससे बाद आश्रम के प्रबंधन की अवमानना याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने नौ दिसंबर को आदेश दिया कि एक हफ्ते के भीतर वह परिसर खाली करे अन्यथा पुलिस उन्हें वहां से निकाले।
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