बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद हम पाकिस्तान पर हमले के लिए तैयार थे : पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के पूर्व प्रमुख बीएस धनोआ (BS Dhanoa) ने कहा कि 27 फरवरी को पाकिस्तानी एयरफोर्स ने भारतीय सीमा में दाखिल होने की कोशिश की थी और इसके बाद पाकिस्तानी सेना हमारे निशाने पर थी. हम उनपर हमले के लिए तैयार थे.

बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद हम पाकिस्तान पर हमले के लिए तैयार थे : पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ

पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ इस साल 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हुए हैं.

खास बातें

  • पूर्व IAF प्रमुख बीएस धनोआ ने रखी अपनी बात
  • बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद तैयार थीं तीनों सेना
  • पुलवामा हमले की जवाबी कार्रवाई थी बालाकोट एयरस्ट्राइक
नई दिल्ली:

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के पूर्व प्रमुख बीएस धनोआ (BS Dhanoa) ने रिटायर होने के बाद पहली बार मीडिया के सामने खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि 26 फरवरी, 2019 को बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot Air Strike) के बाद हम पाकिस्तान पर हमले के लिए पूरी तरह से तैयार थे. 27 फरवरी को पाकिस्तानी एयरफोर्स ने भारतीय सीमा में दाखिल होने की कोशिश की थी और इसके बाद पाकिस्तानी सेना हमारे निशाने पर थी. हम उनपर हमले के लिए तैयार थे. भारतीय वायुसेना के निशाने पर न सिर्फ एलओसी से सटे पाकिस्तानी ठिकाने थे बल्कि कई अन्य जगहें भी इंडियन एयरफोर्स के टारगेट पर थीं.

बीएस धनोआ ने कहा कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी वायुसेना ने राजौरी-पुंछ सेक्टर पर हमला करने की जरा भी हिमाकत नहीं दिखाई. पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने 27 फरवरी वाली घटना का जिक्र करते हुए बार-बार कहा कि उन्होंने जवाबी कार्रवाई से यह दिखाने की कोशिश की है कि वह जरा भी कमजोर नहीं हैं. वह युद्ध नहीं चाहते हैं लेकिन युद्ध लड़ने में सक्षम हैं.

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उन्होंने कहा कि जब इंडियन एयरफोर्स ने 26 फरवरी को बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की थी, तो इसका मतलब भी यही था कि भारत भी पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं चाहता था, बस वह 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आत्मघाती आतंकी हमले का जवाब देना चाहता था.

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पूर्व वायुसेना चीफ ने आगे कहा कि हमारी सेना ने एयरस्ट्राइक में जैश के कुछ खास ठिकानों (बालाकोट में) को टारगेट किया था. अगर ऐसा नहीं होता, तो वायुसेना के पास अधिक शक्तिशाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक स्ट्राइक मिसाइल का उपयोग करने का विकल्प होता. हमारे निशाने पर पाकिस्तानी सेना नहीं थी. यह सबको मारने नहीं बल्कि उनके सभी मिशन खत्म करने के लिए था. उन्होंने कहा, 'पुलवामा आतंकी हमले के बाद तीनों सेना प्रमुखों ने आश्वासन दिया था कि इसे आगे बढ़ाना चाहिए, हम इसके लिए तैयार हैं.'

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बीएस धनोआ ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को इसका अंदाजा था कि भारत इसका बदला लेगा. उन्होंने कहा कि हमारे सामने केवल दो सवाल थे- कब और कहां इसका बदला लिया जाएगा. हमने बालाकोट स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंपों को निशाना बनाने का फैसला किया क्योंकि पुलवामा हमले में इसी संगठन का हाथ था. सरकार और राजनीतिक इच्छाशक्ति साफ थी कि पड़ोसी मुल्क को ऐसे हमलों की कीमत चुकानी होगी, चाहें आप कहीं भी हों.

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