वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा में लापता हुए एक बुजुर्ग मजदूर उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाये जा रहे 'ऑपरेशन स्माइल' की बदौलत करीब सात साल बाद बुधवार को अपने परिवार से दोबारा मिल गये. नए साल के बेहतरीन तोहफे के रूप में पुलिस ने उधमसिंह नगर जिले के सितारगंज के रहने वाले जलील अहमद अंसारी को उनके परिवार से मिलाया. अंसारी केदारनाथ आपदा के दौरान लामबगड़ कस्बे में लापता हो गये थे. चमोली के पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बताया, ‘हांलांकि हादसे के दौरान उन्हें बचा लिया गया, हालांकि वह अपना नाम और पता ठीक से याद नहीं कर पा रहे थे इसलिये उन्हें गोपेश्वर स्थित समाज कल्याण विभाग के वृद्धाश्रम में रखा गया था.'
उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले 'ऑपरेशन स्माइल' टीम को वृद्धाश्रम गोपेश्वर से सूचना मिली थी कि एक बुजुर्ग पिछले कई वर्षों से आश्रम में रह रहा है. उन्होंने बताया, ‘पूछताछ के दौरान जब उनसे याददाश्त पर जोर देने को कहा गया, तब उन्होंने बताया कि वह वर्ष 2009 में सितारगंज से मजदूरी की तलाश में जोशीमठ आये थे और 2013 में लामबगड़ में काम करते थे .' उन्होंने बताया कि आपदा के दौरान उनका सारा सामान, पैसा तथा पहचान पत्र सब कुछ बह गये. हालांकि, वह अपना नाम और पता ठीक से याद नहीं कर पा रहे थे.
इस जानकारी के आधार पर उक्त बुजुर्ग की फ़ोटो लेकर चमोली जिले के गैरसैंण थाने से कॉन्स्टेबल चंदन नागरकोटी को सितारगंज भेजा गया. नागरकोटी ने स्थानीय पुलिस एवं सोशल मीडिया की मदद से उक्त बुजुर्ग के परिवार का पता लगाया. बुजुर्ग के परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे एवं दो बेटियां हैं. जब वीडियो कॉल द्वारा बुजुर्ग की परिवार से बात करायी गयी तो परिवार ने बुजुर्ग को पहचान लिया और बताया कि उनका नाम जलील अहमद अंसारी है. वर्ष 2013 के बाद इनका परिवार से कोई सम्पर्क नहीं हो पाया था, जिसके बाद उनकी पत्नी ने सितारगंज पुलिस थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
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