श्रीनगर उपचुनाव कराने में चुनाव आयोग ने की गृह मंत्रालय के सुझाव की अनदेखी

श्रीनगर उपचुनाव कराने में चुनाव आयोग ने की गृह मंत्रालय के सुझाव की अनदेखी

श्रीनगर उपचुनाव में व्‍यापक हिंसा हुई

नई दिल्‍ली:

चुनाव आयोग ने श्रीनगर सीट पर उपचुनाव केन्द्रीय गृह मंत्रालय के सुझाव के ख़िलाफ़ करवाया था. मंत्रालय ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर कहा था कि घाटी में फ़िलहाल माहौल ठीक नहीं है. एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'जैसे ही 10 मार्च को चुनाव आयोग ने अनुसूची निकली, हमने एक चिट्ठी लिखकर कहा कि श्रीनगर और अनंतनाग में होने वाले चुनावों को लेकर कोई सलाह मशविरा मंत्रालय से नहीं किया गया.' उनके मुताबिक़ मंत्रालय की राय थी कि अभी घाटी में चुनाव के लिए माहौल ठीक नहीं है और अगर हो सके तो राज्य में होने वाले पंचायत के चुनावों के बाद किए जाने चाहिए. राज्य में पंचायत के चुनाव आने वाले कुछ महीने में हैं. लेकिन चुनाव आयोग ने मंत्रालय की अनदेखी कर दी और श्रीनगर और अनंतनाग में उप चुनाव घोषित कर दिए. श्रीनगर लोकसभा सीट पर चुनाव रविवार को हुआ और अनंतनाग में अप्रैल 12 को होना था जिसे अब 25 मई के लिए टाल दिया गया है.

केन्द्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक़ दोनों उपचुनावों के लिए चुनाव आयोग ने गृह मंत्रालय के संयुक्त आयुक्त के साथ 17 मार्च को बैठक की थी. उसमें उन्होंने मंत्रालय से 300 कम्पनियों की मांग की थी यानी 30,000 अर्ध सैनिक बलों की. हालांकि ये संख्या काफ़ी ज़्यादा थी लेकिन मंत्रालय ने चुनाव आयोग के कहने पर ये अतिरिक्त बल दिया. लेकिन बावजूद इसके हिंसा बहुत ज़्यादा हुई. मंत्रालय के मुताबिक़ कुल मिलाकर घाटी में 190 हिंसक वारदातें यानी पत्‍थर फेंकने की वारदातें हुईं, 120 पोलिंग बूथ में तोड़ फोड़ की गई, 24 EVM लूटी गई, दो स्कूल जलाए गए, आठ लोग मारे गए और 150 घायल हुए.

अलगाववादियों द्वारा दिए गए दो दिन के बायकॉट काल को लेकर अब सुरक्षा बलों में चिंता है. वहां तैनात अफ़सरों का कहना है कि पीछले 15 सालों में एक दिन में इतनी हिंसा की वारदातें नहीं हुई हैं. सोमवार को घाटी में सामान्य जीवन अस्त व्यस्त रहा. ना दुकानें खुलीं न स्कूल, सरकारी दफ़्तरों में भी हाजिरी कम रही. पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का कहना है, '20 साल से राजनीति में हूं, लेकिन चुनावों और कैंपेनिंग में इससे बदतर हालात नहीं देखे. यह राज्य सरकार, केंद्र सरकार और चुनाव आयोग की असफलता है.'


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com