विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Apr 24, 2020

ILBS के डॉ. SK सरीन से बातचीत, 'कोरोना मरीजों के प्‍लाज्‍़मा थेरैपी से इलाज के अब तक के नतीजे उत्‍साहभरे..'

डॉ. सरीन ने बताया‍ कि अब हमारे पास छोटा सा प्लाज्मा बैंक बन गया है. जिन चार मरीजों को प्लाज्मा दिया गया उन चारों की स्थिति बेहतर हो रही है.प्‍लाज्‍़मा थेरैपी की अभी तक की खबरें बहुत अच्छी हैं. जो 2 आदमी बहुत बीमार थे, वह आईसीयू से बाहर आ गए हैं और 1-2 दिन में घर भी जा सकते हैं.

Read Time: 3 mins
ILBS के डॉ. SK सरीन से बातचीत, 'कोरोना मरीजों के प्‍लाज्‍़मा थेरैपी से इलाज के अब तक के नतीजे उत्‍साहभरे..'
प्‍लाज्‍़मा थेरैपी के बारे में बातचीत करते हुए डॉ. एसके सरीन
नई दिल्ली:

Coronavirus Pandemic: कोरोना वायरस के केस देश में लगातार बढ़ते जा रहे हैं. देश की राजधानी दिल्‍ली में भी कोरोना के काफी केस सामने आए हैं. दिल्‍ली में कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्‍लाज्‍़मा थेरैपी (Plasma Therapy) का प्रयोग किया है. इंस्‍टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बाइलियरी साइंसेस (ILBS) अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. एसके सरीन के नेतृत्व में प्लाजमा थेरेपी ट्रायल हुआ है. NDTV के साथ खास बातचीत में डॉ. सरीन ने कहा, '' यह ट्रायल है. यह समझिए कि अभी हमारी शुरुआत ही हुई है.' उन्‍होंने कहा कि हमने ट्रायल के लिए ऐसे मरीज चुने जो बहुत ज्यादा और जल्दी-जल्दी सांस ले रहे थे, जिनको ऑक्सीजन की कमी हो रही थी एक व्यक्ति की तो हालत यह थी कि कुछ ही समय में उसको वेंटीलेटर लगाना पड़ सकता था

. डॉ. सरीन ने बताया‍ कि अब हमारे पास छोटा सा प्लाज्मा बैंक बन गया है. जिन चार मरीजों को प्लाज्मा दिया गया उन चारों की स्थिति बेहतर हो रही है.प्‍लाज्‍़मा थेरैपी की अभी तक की खबरें बहुत अच्छी हैं. जो 2 आदमी बहुत बीमार थे, वह आईसीयू से बाहर आ गए हैं और 1-2 दिन में घर भी जा सकते हैं. हालांकि उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि प्‍लाज्‍़मा थेरैपी कोई परफेक्ट इलाज नहीं है क्योंकि हमारे पास ऐसा कोई पुख्ता डाटा नहीं है. अभी इस बारे में बात करना जल्‍दबाजी होगी. हमें अभी एक हफ्ता और चाहिए, लेकिन यह एक उम्मीद की किरण जरूर है क्योंकि कोरोना की वैक्सीन आने में अभी कई महीने लगेंगे, दवाएं आने में समय लगेगा. 

डॉ. एसके सरीन के अनुसार, इस थेरेपी का एक फायदा यह भी हो रहा है कि इससे लोग एक-दूसरे से जुड़ रहे हैं. लोगों को प्‍लाज्‍़मा डोनेट करने के लिए आगे आना चाहिए. इसमें संक्रमण का खतरा नहीं है क्योंकि हमने ILBS में इसके लिए अलग व्यवस्था की है.लोगों को यह आशंका है कि मुझे कमजोरी आ जाएगी और प्‍लाज्‍़मा डोनेट करने में सुई तो लगेगी है. उन्‍होंने बताया कि पूरी प्रक्रिया में आधा घंटा लगेगा, लोगों के मन में भय जरूर है लेकिन कोई कमजोरी आने का रिस्क नहीं है. प्‍लाज्‍़मा डोनेट करने में सुई चुभने का रिस्क है इसके अलावा कोई रिस्क नहीं है. इस प्रक्रिया के दौरान आपके ब्लड में से केवल प्लाज्‍़मा निकाला जाएगा और बाकी ब्लड वापस शरीर में चला जाएगा और कमजोरी नहीं आएगी. हमें कुल मिलाकर 2 हफ्ते का समय चाहिए, 10-15 मरीज़ चाहिए और प्लाज्मा डोनर तो जितने आ जाएं, अच्छा है. उन्‍होंने कहा कि ऐसा हुआ तो हो सकता है कि अगले दो सप्‍ताह में हम कोई अच्छी खबर दें.

VIDEO: देश भर में तेजी से हो रही है रबी की फसल की कटाई

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
इंडिया गठबंधन लोको पायलट के कामकाज के हालात में सुधार के लिए संसद में आवाज उठाएगा : राहुल गांधी
ILBS के डॉ. SK सरीन से बातचीत, 'कोरोना मरीजों के प्‍लाज्‍़मा थेरैपी से इलाज के अब तक के नतीजे उत्‍साहभरे..'
देश के कई हिस्सों में बारिश, IMD ने की अगले 5 दिनों के मौसम की भविष्यवाणी; जानिए कब; कहां गिरेगा पानी
Next Article
देश के कई हिस्सों में बारिश, IMD ने की अगले 5 दिनों के मौसम की भविष्यवाणी; जानिए कब; कहां गिरेगा पानी
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;