यह ख़बर 27 नवंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

एफडीआई को लेकर सरकार नहीं गिरने देगी डीएमके

खास बातें

  • डीएमके के अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने मंगलवार को कहा कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के मुद्दे पर यदि संसद में चर्चा के बाद मतदान होता है तो उनकी पार्टी इसके पक्ष में वोट देगी।
चेन्नई:

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने मंगलवार को कहा कि खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे पर यदि संसद में चर्चा के बाद मतदान होता है तो उनकी पार्टी इसके पक्ष में वोट देगी।

करुणानिधि ने यहां एक बयान जारी कर कहा कि एफडीआई पर यदि नियम 184 के तहत चर्चा के बाद मतदान होता है, जैसा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य पार्टियां मांग कर रही हैं तो संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के गिरने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

करुणानिधि ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ है, लेकिन यदि सरकार गिरती है तो भाजपा जैसी 'साम्प्रदायिक' पार्टियों को इसका लाभ मिल सकता है।

उन्होंने कहा कि भाजपा या भाजपा समर्थित किसी अन्य गठबंधन को सरकार बनाने का मौका नहीं मिलना चाहिए। इससे भ्रष्टाचार के कई गलत आरोप सामने आएंगे, जैसा कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में राजस्व को नुकसान की राशि बढ़ा-चढ़ाकर 1.76 लाख करोड़ रुपये बताई गई।

करुणानिधि ने कहा कि ऐसी स्थिति से बचने के लिए संप्रग सरकार का सत्ता में बने रहना जरूरी है।

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केंद्र सरकार के इस आश्वासन का जिक्र करते हुए कि राज्यों को खुदरा क्षेत्र में एफडीआई लागू करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा, डीएमके अध्यक्ष ने कहा कि तमिलनाडु में खुदरा व्यापारियों एवं किसानों के हित प्रभावित नहीं होंगे।