यह ख़बर 16 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

'घर वापसी कार्यक्रम' पर अड़ी जागरण समिति, यूपी के राज्यपाल भी बयान देकर विवादों में

नई दिल्ली:

यूपी में धर्म परिवर्तन के मुद्दे से मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। अलीगढ़ में 25 दिसंबर को होने वाले घर वापसी नाम के एक कार्यक्रम को लेकर विवाद शुरू हो गया है। प्रशासन की तरफ से किसी भी तरह के धर्म परिवर्तन के कार्यक्रम पर रोक है, लेकिन आरएसएस से संबंध रखने वाली एक संस्था धर्म जागरण समिति के सदस्यों का कहना है कि वह किसी भी कीमत पर इस कार्यक्रम को पूरा कराएंगे। धर्म जागरण समिति के काशीनाथ बंसल का कहना है कि उन्हें जो भी काम संघ की तरफ से दिया जाता है वह उसे हर हाल में पूरा करते हैं। प्रशासन के दावे हमें मंजूर नहीं। यह धर्मांतरण, नहीं घर वापसी का कार्यक्रम है।

उधर, आगरा में हुए धर्म परिवर्तन को लेकर भले ही राजनीतिक दलों के बीच सियासी घमासान मचा हो, लेकिन सुर्खियों में रहने वाले यूपी के राज्यपाल राम नाइक ने इस पर अपनी राय देकर एक नई बहस छेड़ दी है।

उनका कहना है कि धर्म परिवर्तन बिलकुल भी गलत नहीं होता है और इसे सियासी तौर पर तूल भी नहीं देना चाहिए। राम नाइक के मुताबिक, संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव अंबेडकर ने भी अपना धर्म परिवर्तन किया था और हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाया था।

उनके मुताबिक, इस मुद्दे पर यूपी में जो सियासी कोहराम मचा है, वह गलत है, क्योंकि धर्म परिवर्तन राजनैतिक संघर्ष का नहीं, बल्कि वैचारिक बदलाव का मामला है।

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वहीं सोमवार को धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर संसद में भी जमकर हंगामा हुआ। ताजा विवाद बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ के बयान से पैदा हुआ है, जिसमें उन्होंने धर्म परिवर्तन के काम में सरकार से रुकावट न डालने की मांग की। राज्यसभा में इस मुद्दे पर तमाम विपक्ष एकजुट होकर प्रधानमंत्री से स्थिति को साफ करने की मांग कर रहा है।