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This Article is From May 24, 2020

चिलचिलाती धूप में तपती सड़कों पर पैदल सफर करने के लिए मजबूर प्रवासी मजदूर

गुरुग्राम से दो मजदूर एक किशोर के साथ पैदल चलते हुए दिल्ली पहुंचे, साधन नहीं मिलेगा तो पैदल ही बिहार तक जाएंगे

चिलचिलाती धूप में तपती सड़कों पर पैदल सफर करने के लिए मजबूर प्रवासी मजदूर
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

दिल्ली एनसीआर का तापमान पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ रहा है. अब यह तापमान करीब 45 डिग्री तक पहुंच गया है. ऐसी गर्मी और चिलचिलाती धूप में जब बाहर खड़ा होना भी मुश्किल है तब मजदूर घर जाने के लिए पैदल ही सफर कर रहे हैं. गुरुग्राम की एक कंपनी में काम करने वाला मोहम्मद शाकिर और उसके दोस्त आज सुबह करीब चार बजे बिहार जाने के लिए निकले और करीब एक बजे पैदल ही दिल्ली पहुंचे. कंपनी से जो पैसे कमाए उससे अब तक खाना खाते रहे लेकिन जब जेब में 300 रुपये बचे तो घर निकल लिए. इनके साथ एक 13 साल का लड़का भी है जो अपनी दादी के पास जा रहा है.

तेज धूप में 45 डिग्री तापमान और तपती सड़कें. ऐसे में घर के बाहर खड़ा होना भी मुश्किल है लेकिन लॉकडाउन के मारे मजदूर सड़कों पर तमाम परेशानियां झेलते हुए चले जा रहे रहे हैं. सरकार की तमाम कोशिशों और दावों के बाद भी मजदूर इस तेज धूप में भी कई किलोमीटर पैदल ही चले जा रहे हैं.

मोहम्मद शाकिर गुरुग्राम से अपने चार साथियों के साथ रविवार को सुबह करीब चार बजे पैदल निकले और दोपहर एक बजे दिल्ली के ग़ाज़ीपुर इलाके में पहुंच गए. तपती सड़क, लू के थपेड़े और 45 डिग्री तापमान पर इनकी दो वक्त की रोटी का जुगाड़ और मजबूरियां ज्यादा भारी हैं. ये लोग गुरुग्राम की एक फैक्ट्री में काम करते थे. काम बंद पड़ा है. जो पैसे थे उससे खाना खाते रहे अब जेब में 300 रुपये बचे तो पैदल ही निकल लिए. ये सभी लोग बिहार के रहने वाले हैं और वहीं जाना चाहते हैं.

मोहम्मद शाकिर के साथ उनके गांव का एक 13 साल का लड़का भी है जो यहां पढ़ने के लिए आया था. अब वो भी इनके साथ पैदल ही चल रहा है. ये सभी कोशिश में हैं कि उन्हें दिल्ली से घर जाने का कोई साधन मिल जाए.

इसी तरह दिल्ली के आईएसबीटी बस अड्डे के पास राजकुमार और किशन बैठे हुए मिले. वे दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से तेज़ गर्मी झेलते हुए यहां पहुंचे हैं. राजकुमार अपने तीन साथियों के साथ एक रेस्टोरेंट में काम करते हैं. उम्मीद थी कि रेस्टोरेंट चालू होगा तो सब ठीक हो जाएगा लेकिन अब रेस्टोरेंट खुलने के बाद भी काम नहीं है. इसलिए दोस्तों के साथ घर जा रहे हैं. किशन दिल्ली के सदर बाज़ार में मजदूरी करते हैं. काम धंधा बंद है. आठ महीने से घर भी नहीं गए इसलिए जा रहे हैं. सभी बिहार के रहने वाले हैं.

गर्म के मौसम में अपने घर जाते इन लोगों का कहना है अब वापसी तभी होगी जब कोरोना का मिज़ाज ठंडा होगा और ज़िंदगी रफ्तार पकड़ेगी.

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