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This Article is From Apr 16, 2020

दिल्‍ली में प्लाज्‍़मा तकनीक से कोरोना के मरीजों के इलाज की तैयारी, तीन-चार दिन में शुरू होगा ट्रायल: CM केजरीवाल

मरीज़ों के प्लाज्‍़मा तकनीक के इस्‍तेमाल से इलाज के कुछ देशों में अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं. हमने केंद्र सरकार से प्लाज्‍़मा टेस्ट के लिए इजाजत मांगी थी हमको ज्यादा मिल गई. दिल्‍ली के सीएम ने कहा कि अगले 3-4 दिन के अंदर डॉक्टर इसका ट्रायल करेंगे और देखेंगे कि ये कितना सफल रहता है.

दिल्‍ली में प्लाज्‍़मा तकनीक से कोरोना के मरीजों के इलाज की तैयारी, तीन-चार दिन में शुरू होगा ट्रायल: CM केजरीवाल
Arvind Kejriwal बोेले, हमने केंद्र से प्लाज्‍़मा टेस्ट के लिए इजाजत मांगी थी जो हमें मिल गई
नई दिल्ली:

Coronavirus: दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्‍ली में कोरोना के मरीज अब धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं. उन्‍होंने वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये मीडिया से बात करते हुए कहा कि मार्च के आखिरी हफ्ते में और अप्रैल के पहले हफ्ते में कोरोना के बहुत सारे मरीज आए थे, वह ठीक होने लगे हैं. केजरीवाल ने कहा, 'मुझे पता चला है कि आज भी बहुत से लोग ठीक हुए हैं. आने वाले तीन-चार दिन में बहुत सारे मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिलेगी. एक अन्‍य सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि गंभीर मरीज़ों के प्लाज्‍़मा तकनीक के इस्‍तेमाल से इलाज के कुछ देशों में अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं. हमने केंद्र सरकार से प्लाज्‍़मा टेस्ट के लिए इजाजत मांगी थी जो हमको मिल गई है. दिल्‍ली के सीएम ने कहा कि अगले 3-4 दिन के अंदर डॉक्टर इसका ट्रायल करेंगे और देखेंगे कि ये कितना सफल रहता है.

प्‍लाज्‍़मा तकनीक से ऐसे होता है इलाज
सीएम ने कहा कि प्लाज्‍़मा तकनीक में जिस मरीज को एक बार कोरोना हो जाता है वह जब ठीक होता है तो उसके शरीर में एंटीबॉडी डिवेलप होती हैं यह एंटीबॉडी उसको ठीक होने में मदद करते हैं. ऐसा व्यक्ति जो कोरोना से ठीक हो गया है वह रक्तदान करता है. उसके खून में से प्लाज्‍़मा निकाला जाता है और वह प्लाज्मा को किसी दूसरे मरीज में डाल दे जाता है जो बीमार है, इससे उस मरीज के अंदर भी कोरोना ठीक करने वाले एंटीबॉडीज डिवेलप हो जाते हैं. केजरीवाल ने कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि हमारा ट्रायल कामयाब हो. उन्‍होंने बताया कि केरल और महाराष्ट्र जैसे कुछ अन्‍य राज्‍य भी इसके ऊपर (प्लाज्‍़मा तकनीक) काम कर रहे हैं.

कंटेनमेंट जोन में इस तरह के होते हैं इंतजाम
कोरोना की चुनौती के खिलाफ दिल्‍ली सरकार की रणनीति बताते हुए सीएम ने कहा कि दिल्ली में हमने 57 कंटेनमेंट जोन बनाए हैं.3 या 3 से ज्यादा मरीज अगर किसी कॉलोनी या में गली में हमको मिलते हैं तो हम उस कॉलोनी को सील कर देते हैं और वहां पर रहने वाले लोगों को बाहर नहीं आने देते ताकि बीमारी बाहर ना आने पाए. वहां पर हम 'ऑपरेशन फील्ड' चालू करते हैं. उन्‍होंने कहा कि ऐसे कंटेनमेंट जोन के अंदर क्या-क्या किया जाता है इसके बारे बारे में बहुत सारी गलतफहमियां हैं. कंटेनमेंट जोन में सबसे पहले ज़रूरी समान का इंतज़ाम किया जाता है. आपके कॉलोनी की बाउंड्री पर जरूरत के सामान का इंतजाम किया जाता है. इसके बाद सैनिटाइजेशन किया जाता है, सर्वे किया जाता है. डोर-टू-डोर सर्वे में लोगों से पूछा जाता है कि आपके घर कोई बीमार तो नहीं है किसी को कोई समस्या तो नहीं है. यह सर्वे 100 फ़ीसदी घरों का किया जाता है

जहां कोरोना जैसे लक्षण मिलते हैं, वहां होता है टेस्‍ट
उन्‍होंने कहा कि जहां पर कोरोना जैसे लक्षण मिलते हैं उन लोगों का टेस्ट होता है. जो लोग यह सोचकर परेशान हो रहे हैं कि उनके यहां कोरोना का सैंपल नहीं लिया गया वो परेशान न हों. केजरीवाल ने बताया कि दिलशाद गार्डन वसुंधरा एंक्लेव और खिचड़ीपुर में सील करने के बाद एक भी केस नहीं आया. यमुना पुल के करीब गरीब लोगों के इकट्ठे होने संबंधी मसले पर उन्‍होंने कहा कि जैसे ही यह बात हमारी नजर में लाई गई, हमने उनके खाने और रहने का इंतजाम किया. अलग-अलग स्कूल की इमारतों में उनका इंतजाम किया गया और खाने का इंतजाम किया. मेरी सबसे हाथ जोड़कर गुजारिश है कि सरकार ने खाने का पर्याप्‍त इंतज़ाम किया हुआ है.कल भी 900000 लोगों ने लंच और 900000 लोगों ने डिनर किया है. खाने की कोई कमी नहीं है. उन्‍होंने बताया कि 71 लाख ऐसे लोग जिनके पास राशन कार्ड था उन्‍हें मुफ्त में राशन दिया जा चुका है. जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उनको भी राशन दिया जा रहा है.

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