पासपोर्ट ऑफिस और सीबीआई को कोर्ट की फटकार, कहा, क्या चेहरा देखकर तय करते हो नियम

पासपोर्ट ऑफिस और सीबीआई को कोर्ट की फटकार, कहा, क्या चेहरा देखकर तय करते हो नियम

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

किसी केस के आरोपी के पासपोर्ट को जब्त करने और वापस करने के मामले में पटियाला हाउस की स्पेशल कोर्ट ने सीबीआई और पासपोर्ट ऑफिस को जमकर फटकार लगाई।

कोर्ट ने सीबीआई निदेशक और चीफ पासपोर्ट अफसर को 30 दिनों के भीतर इस मामले में गाइडलाइन बनाने के आदेश दिए हैं। स्पेशल जज भरत पराशर ने सीबीआई से ये भी पूछा कि कोल ब्लॉक में नवीन जिंदल का पासपोर्ट जब्त क्यों नहीं किया गया, जबकि इस केस में दो आरोपियों के पासपोर्ट जब्त किए गए।

कोर्ट ने कहा कि इन मामलों से साफ होता है कि एजेंसियां चेहरा देखकर नियम तय करती हैं। ये मनमाना तरीका कोर्ट को मंजूर नहीं है। कोल ब्लॉक के आरोपियों की अर्जी पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पासपोर्ट अफसरों को भी तलब किया था। कोर्ट ने कहा कि कुछ मामलों में आप लोगों को पासपोर्ट वापस लेने के लिए कोर्ट का आदेश मांगते हैं जबकि कुछ मामलों में खुद ही पासपोर्ट रिलीज कर देते हैं। जज ने उस मामले में भी गहरी नाराजगी जताई, जिसमें एक आरोपी का पासपोर्ट वापस करने के पीछे आरपीओ का तर्क था कि वो हार्ड प्रेस कर रहा था।

जज ने कहा कि ये हार्ड प्रैस क्या होता है, ये जनता को भी बताया जाना चाहिए। लोग रोजाना पासपोर्ट के लिए धक्के खाते हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं होती। एजेंसियां बिना किसा नियम के काम कर रही हैं। जज ने कहा कि पिक एंड चूज की नीति अपना रहे हैं।

स्पेशल जज ने कहा कि कोर्ट में पासपोर्ट जब्त करने और रिलीज करने के मामले में लगातार शिकायतें आ रही हैं और ऐसे में अगर अफसरों ने कार्रवाई नहीं की तो वो इस मामले का ट्रायल शुरू कर देंगे।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

दरअसल, कोल ब्लॉक मामले में कई आरोपियों ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा था कि पासपोर्ट ऑफिस उनके पासपोर्ट रिलीज नहीं कर रहे हैं। इस मामले में कोर्ट ने दिल्ली और रांची के RPO और चीफ पासपोर्ट अफसर को तलब किया था।