नई दिल्ली एयरपोर्ट पर अमेरिका में भारतीय राजदूत रिचर्ड वर्मा के साथ अमेरिकी विदेशमंत्री जॉन कैरी
नई दिल्ली:
अमेरिकी विदेशमंत्री जॉन कैरी का सोमवार को भारत आगमन वैसा नहीं रहा, जैसा उन्होंने सोचा होगा, क्योंकि राजधानी नई दिल्ली में पहुंचते ही उनका सामना उस जबर्दस्त ट्रैफिक जाम से हुआ, जो भारी बारिश की वजह से हुआ था, और जिसने शहर की रफ्तार को पूरी तरह रोक दिया था.
खैर, अब अगले दो दिन तक जॉन कैरी उन महत्वाकांक्षी योजनाओं पर ध्यान देंगे, जिनका लक्ष्य दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच व्यापार को लगभग पांच गुना बढ़ाकर 500 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर तक ले जाना है.
वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे, और दोनों देशों के बीच होने वाली 'रणनीतिक वार्ता' में भी भाग लेंगे. 'रणनीतिक तथा वाणिज्यिक वार्ता' की शुरुआत वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने की थी, ताकि दोनों देशों के बीच सुरक्षा तथा आर्थिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया जा सके.
इस हफ्ते होने वाली वार्ता में भाग लेने जा रहे अमेरिकी वाणिज्य मंत्री पेनी प्रिट्ज़कर ने कहा कि व्यापार को 100 अरब डॉलर के स्तर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक लेकर जाने का विचार महत्वाकांक्षी है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यदि दोनों देशों को अपने लक्ष्य हासिल करने हैं, तो भारत को अपनी अर्थव्यवस्था में और भी सुधार करने होंगे.
जॉन कैरी की भारत यात्रा से पहले इस अधिकारी ने कहा, "यह बिल्कुल स्पष्ट है कि द्विपक्षीय व्यापार को उस स्तर तक पहुंचाने के लिए व्यापार तथा आर्थिक सुधारों की दिशा में काफी काम होना है, और हमें उस दिशा में कुछ प्रयास होते दिखाई दे रहे हैं..."
खैर, अब अगले दो दिन तक जॉन कैरी उन महत्वाकांक्षी योजनाओं पर ध्यान देंगे, जिनका लक्ष्य दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच व्यापार को लगभग पांच गुना बढ़ाकर 500 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर तक ले जाना है.
वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे, और दोनों देशों के बीच होने वाली 'रणनीतिक वार्ता' में भी भाग लेंगे. 'रणनीतिक तथा वाणिज्यिक वार्ता' की शुरुआत वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने की थी, ताकि दोनों देशों के बीच सुरक्षा तथा आर्थिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया जा सके.
इस हफ्ते होने वाली वार्ता में भाग लेने जा रहे अमेरिकी वाणिज्य मंत्री पेनी प्रिट्ज़कर ने कहा कि व्यापार को 100 अरब डॉलर के स्तर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक लेकर जाने का विचार महत्वाकांक्षी है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यदि दोनों देशों को अपने लक्ष्य हासिल करने हैं, तो भारत को अपनी अर्थव्यवस्था में और भी सुधार करने होंगे.
जॉन कैरी की भारत यात्रा से पहले इस अधिकारी ने कहा, "यह बिल्कुल स्पष्ट है कि द्विपक्षीय व्यापार को उस स्तर तक पहुंचाने के लिए व्यापार तथा आर्थिक सुधारों की दिशा में काफी काम होना है, और हमें उस दिशा में कुछ प्रयास होते दिखाई दे रहे हैं..."
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