सांकेतिक तस्वीर
मुंबई:
सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत दायर एक अर्जी पर मिले जवाब से खुलासा हुआ है कि लोगों से बेतहाशा भरी लोकल ट्रेनों से गिरकर मरने और जख्मी होने वालों की तादाद में पिछले एक दशक में बढ़ोत्तरी हुई है। आरटीआई कार्यकर्ता अनीस खान की ओर से दायर एक आरटीआई अर्जी पर मिले जवाब से यह खुलासा हुआ है।
अनीस को मुंबई की राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) से यह जवाब प्राप्त हुआ। अनीस ने बताया कि आरटीआई अर्जी पर मिले जवाब के मुताबिक, पिछले 10 साल में (मुंबई आयुक्तालय में पश्चिमी, मध्य एवं हार्बर उप-नगरीय सेवा) उप-नगरीय ट्रेनों से 25,722 यात्री गिरे जिसमें 6,989 यात्रियों की मौत हुई जबकि 18,733 यात्रियों की जान बच गई।
उन्होंने बताया कि 2005 में कुल 494 यात्रियों की मौत लोकल ट्रेनों से गिरने के कारण हुई। यह आंकड़ा आने वाले सालों में बढ़ा और 2013 में 901 तक पहुंच गया। हालांकि, 2014 में ट्रेन से गिरकर मरने वालों की संख्या में थोड़ी कमी आई। 2014 में 797 लोग उप-नगरीय ट्रेनों से गिरकर मरे थे।
अनीस को मुंबई की राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) से यह जवाब प्राप्त हुआ। अनीस ने बताया कि आरटीआई अर्जी पर मिले जवाब के मुताबिक, पिछले 10 साल में (मुंबई आयुक्तालय में पश्चिमी, मध्य एवं हार्बर उप-नगरीय सेवा) उप-नगरीय ट्रेनों से 25,722 यात्री गिरे जिसमें 6,989 यात्रियों की मौत हुई जबकि 18,733 यात्रियों की जान बच गई।
उन्होंने बताया कि 2005 में कुल 494 यात्रियों की मौत लोकल ट्रेनों से गिरने के कारण हुई। यह आंकड़ा आने वाले सालों में बढ़ा और 2013 में 901 तक पहुंच गया। हालांकि, 2014 में ट्रेन से गिरकर मरने वालों की संख्या में थोड़ी कमी आई। 2014 में 797 लोग उप-नगरीय ट्रेनों से गिरकर मरे थे।
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