केरल के इडुक्की जिले में रविवार को 17 और शवों को मलबे से निकाला गया जिससे भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 हो गई. केरल में हो रही भारी बारिश के कारण भूस्खलन और मिट्टी सरकने से होने वाली मौतों के बीच मलबे में दबे अपने परिजनों को बाहर निकालने के लिये लोग बचाव और राहत कर्मियों से गुहार लगा रहे हैं. इस बीच, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इडुक्की, मलाप्पुरम और वायनाड जिलों के लिए रविवार को रेड अलर्ट घोषित किया है. केरल में मूसलाधार बारिश, भूस्खलनों और बांध के फाटक खुले जाने से नदियों में जलस्तर बढ़ गया है, जिससे कोट्टायम और अलप्पुझा के निचले इलाकों में रह रहे लोगों के घरों में पानी घुस जाने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने विपक्ष के इस आरोप का खंडन किया है कि राजमाला भूस्खलन और कारीपुर के विमान हादसे के पीड़ितों को मुआवजा देने में भेदभाव किया गया है. केरल में विपक्षी कांग्रेस और भाजपा ने रविवार को मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन पर निशाना साधते हुए राज्य में भूस्खलन और विमान हादसे की घटनाओं में मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा देने में भेदभाव का आरोप लगाया. विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री पर इडुक्की जिले में प्रभावितों से मिलने नहीं जाने का भी आरोप लगाया. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने इडुक्की के पेट्टीमुडी में भूस्खलन स्थल पर संवाददाताओं से कहा कि सरकार को मुआवजा राशि बढ़ानी चाहिए और दस-दस लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए.
इससे पहले आज दिन में इलाके का दौरा करने वाले केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री को चुनिंदा तरीके से आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा नहीं करना चाहिए. मुरलीधरन ने कहा, ‘‘यह सही नहीं है. दो आपदाओं के लिए दो अलग-अलग रुख. वह चुनिंदा तरीके से दौरे नहीं कर सकते. भूस्खलन बड़ी आपदा है. प्रधानमंत्री ने मुझे दोनों जगहों पर जाने को कहा.''
विजयन ने शनिवार को प्रेस के साथ मुलाकात कार्यक्रम में कहा कि भूस्खलन के प्रभावितों के लिए घोषित मुआवजा राशि अंतरिम है तथा जो लोग सब कुछ गंवा चुके हैं, राज्य सरकार उन्हें ‘बिखरने नहीं' देगी. विजयन ने कहा कि इडुक्की जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्र में भूस्खलन में लापता हुए लोगों के लिए अब भी बचाव अभियान जारी है और सरकार को इस हादसे में हुए नुकसान का अंतिम आकलन करना बाकी है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ राजमाला में हमने शुरुआती वित्तीय सहायता की घोषणा की है. बचाव अभियान अब तक पूरा नहीं हुआ है. हमें उन्हें संभालकर रखना है क्योंकि जो लोग सब कुछ गंवा बैठे हैं उनकी देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी है. हमें उनकी आजीविका सुनिश्चित करना और उनके जीवन को फिर से पटरी पर लाना है. ''
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