केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा का फाइल फोटो
नई दिल्ली:
दादरी कांड पर राजनीति फिर तेज़ हो रही है। मीट के नमूनों पर मथुरा लैब की रिपोर्ट आने के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का नया दौर शुरू हो गया है। मंगलवार को गौतमबुद्ध नगर के सांसद और केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री महेश शर्मा ने इस मामले में यूपी सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस्तीफे की मांग कर दी।
एनडीटीवी से बातचीत में महेश शर्मा ने कहा, "एक रिपोर्ट (मथुरा लैब) आई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि ये रिपोर्ट (मथुरा लैब) ठीक नहीं है। इसका मतलब ये हुआ कि उन्हें अपने ही सिस्टम पर भरोसा नहीं है...अपनी ही प्रसासन पर विश्वास नहीं है। ऐसे में उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिये"।
महेश शर्मा कहते हैं कि यूपी पुलिस क्यों अब तक दादरी कांड की साज़िश करने वालों को नहीं पकड़ पाई है...उनका आरोप है कि यूपी सरकार इस मामले में अपनी ज़िम्मेदारी निभाने में विफल रही है और मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है। दरअसल बीजेपी की नाराज़गी मथुरा लैब की रिपोर्ट पर यूपी के मुख्यमंत्री और पुलिस के रुख को लेकर है।
उधर दादरी इलाके के विधायक सतवीर सिंह गुर्जर नाराज़ हैं कि दादरी इलाके में फिर से घटना का राजनीतिकरण शुरू हो गया है। उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, "जो नई रिपोर्ट (मथुरा लैब) आई है उस पर पुलिस ज़रूरी कार्रवाई करे लेकिन इसको एक राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिये। मैं अपने इलाके के लोगों से अपील करना चाहता हूं कि वो शांति बनाए रखें। कोर्ट और पुलिस इस मामले को देख रहे हैं। लेकिन यूपी में होने वाले विधान सभा चुनावों से पहले बीजेपी इस क्षेत्र में माहौल को खराब करना चाहती है"।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल सितंबर में अखलाक की मौत पूरे देश के लिए एक बड़ा सवाल बन गया था। उस समय देश में असहनशीलता पर लंबी बहस भी चली। अब आठ महीने बाद ये साफ दिख रहा है राजनीतिक दलों में इंसाफ का धीरज नहीं है और सभी अपने-अपने पक्ष में इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं।
एनडीटीवी से बातचीत में महेश शर्मा ने कहा, "एक रिपोर्ट (मथुरा लैब) आई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि ये रिपोर्ट (मथुरा लैब) ठीक नहीं है। इसका मतलब ये हुआ कि उन्हें अपने ही सिस्टम पर भरोसा नहीं है...अपनी ही प्रसासन पर विश्वास नहीं है। ऐसे में उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिये"।
महेश शर्मा कहते हैं कि यूपी पुलिस क्यों अब तक दादरी कांड की साज़िश करने वालों को नहीं पकड़ पाई है...उनका आरोप है कि यूपी सरकार इस मामले में अपनी ज़िम्मेदारी निभाने में विफल रही है और मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है। दरअसल बीजेपी की नाराज़गी मथुरा लैब की रिपोर्ट पर यूपी के मुख्यमंत्री और पुलिस के रुख को लेकर है।
उधर दादरी इलाके के विधायक सतवीर सिंह गुर्जर नाराज़ हैं कि दादरी इलाके में फिर से घटना का राजनीतिकरण शुरू हो गया है। उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, "जो नई रिपोर्ट (मथुरा लैब) आई है उस पर पुलिस ज़रूरी कार्रवाई करे लेकिन इसको एक राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिये। मैं अपने इलाके के लोगों से अपील करना चाहता हूं कि वो शांति बनाए रखें। कोर्ट और पुलिस इस मामले को देख रहे हैं। लेकिन यूपी में होने वाले विधान सभा चुनावों से पहले बीजेपी इस क्षेत्र में माहौल को खराब करना चाहती है"।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल सितंबर में अखलाक की मौत पूरे देश के लिए एक बड़ा सवाल बन गया था। उस समय देश में असहनशीलता पर लंबी बहस भी चली। अब आठ महीने बाद ये साफ दिख रहा है राजनीतिक दलों में इंसाफ का धीरज नहीं है और सभी अपने-अपने पक्ष में इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं।
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