Cyclone Tauktae: चक्रवातों के नाम कैसे रखे जाते हैं?

मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि चक्रवात तौकते (Cyclone Tauktae) छह घंटे के भीतर "गंभीर चक्रवाती तूफान" में बदल सकता है और मंगलवार तक गुजरात (Gujarat) तट से टकरा सकता है.

Cyclone Tauktae: चक्रवातों के नाम कैसे रखे जाते हैं?

कैसे रखा जाता है चक्रवात का नाम?

नई दिल्ली:

मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि चक्रवात तौकते (Cyclone Tauktae) छह घंटे के भीतर "गंभीर चक्रवाती तूफान" में बदल सकता है और मंगलवार तक गुजरात (Gujarat) तट से टकरा सकता है. अगले 12 घंटों में, चक्रवात तौकते के "बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान" में तब्दील होने की संभावना है. इसके मंगलवार दोपहर को पोरबंदर और नलिया के बीच गुजरात तट को पार करने की उम्मीद है. भारत में यह इस साल का पहला चक्रवाती तूफान है. क्या आपने कभी सोचा है कि इन चक्रवातों का नाम कैसे रखा जाता है? चक्रवात का नाम निर्धारित करने के पीछे एक इतिहास है और एक प्रक्रिया भी. चक्रवात तौकते के बारे में आपको बता दें कि यह नाम म्यांमार ने सुझाया था. यह एक बर्मी शब्द है जिसका अर्थ है छिपकली, एक "अत्यधिक आवाज करने वाली छिपकली."

चक्रवात का नाम कैसे रखा जाता है?

चक्रवातों का नामकरण विश्व मौसम विज्ञान संगठन/संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग एशिया और प्रशांत (WMO/ESCAP) पैनल ऑन ट्रॉपिकल साइक्लोन (PTC) द्वारा तय किया जाता है. पैनल में 13 देश शामिल हैं - भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, मालदीव, ओमान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन. ये 13 देश अपने क्षेत्र के चक्रवातों को नाम देते हैं. 

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2004 में इस समूह में शामिल आठ देशों ने 64 नामों की एक सूची को अंतिम रूप दिया था - प्रत्येक देश से आठ नाम सुझाये गए थे. पिछले साल मई में भारत में आया चक्रवात अम्फान उस सूची में अंतिम नाम था. इस सूची में पहला नाम निसारगा चक्रवात का है जो अरब सागर से उठा था, इसका नाम बांग्लादेश ने रखा था.

WMO/ESCAP ने 2018 में इस समूह में पांच और देशों को शामिल करने के लिए सूची का विस्तार किया. पिछले साल एक नई सूची जारी की गई थी जिसमें चक्रवातों के 169 नाम हैं. इस सूची में 13 देशों ने चक्रवात के 13 नाम सुझाए हैं. 

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चक्रवात के नामकरण का क्या लाभ हैं?

चक्रवातों का नामकरण वैज्ञानिक समुदाय, विशेषज्ञों, आपदा प्रबंधन टीमों और आम जनता को प्रत्येक चक्रवात की पहचान करने में मदद करता है. यदि इस क्षेत्र में एक साथ दो या दो से अधिक चक्रवात आ रहे हैं तो यह भ्रम दूर करता है. यह चक्रवात से जुड़ी चेतावनी को ज्यादा से ज्यादा लोगों में प्रभावी ढंग से प्रसारित करने मदद करता है, जिससे सामुदायिक तैयारियों को बढ़ावा मिलता है. जब पिछले चक्रवात का उल्लेख या चर्चा करने की आवश्यकता होती है तो यह नामकरण प्रक्रिया भविष्य के लिए मदद करती है.

क्या चक्रवातों के नामकरण के लिए कोई मानदंड हैं?

चक्रवातों के नाम छोटे, सरल और आसानी से समझे जाने वाले होने चाहिए. एक अन्य प्रमुख मानदंड यह है कि वे सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील नहीं होने चाहिए या इनका भड़काऊ अर्थ नहीं होना चाहिए.

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