- श्रीलंका में चक्रवात दित्वा के कारण लगातार बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से मरने वालों की संख्या 56 पहुंच गई है
- भारत के तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में 30 नवंबर तक भारी बारिश होने की संभावना है
- आईएमडी ने मछली पकड़ने पर रोक लगाई है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है
चक्रवात 'दित्वा' लगातार बारिश, भूस्खलन और बढ़ते बाढ़ के पानी के साथ श्रीलंका पर कहर बरपा रहा है. इसके चपेट में आने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 56 पहुंच गई है. वहीं 21 लोग अभी भी लापता हैं. इस तूफान से श्रीलंका के कई जिलों में लगभग 44,000 लोग प्रभावित हुए हैं. वहीं कई इलाके जलमग्न हैं. अब इसका असर भारत पर भी दिखने वाला है. दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी से होते हुए उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और उससे सटे दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटों के पास चक्रवात 'दित्वा' के 30 नवंबर की सुबह तक पहुंचने की संभावना है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया है कि तूफान तेजी से आगे बढ़ रहा है और 30 नवंबर की सुबह तक उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों के पास बंगाल की खाड़ी में पहुंच जाएगा. आईएमडी ने कई राज्यों के लिए बारिश और हवा के खतरे की चेतावनी जारी की है.

तमिलनाडु और पुडुचेरी में शुक्रवार और शनिवार को भारी से अत्यधिक भारी बारिश का पूर्वानुमान है, जबकि कुछ जगहों पर 20 सेमी से अधिक बरसात हो सकती है. 30 नवंबर को बारिश थोड़ा कम होने की संभावना है, लेकिन कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है.
तूफान के असर से विभिन्न तटीय क्षेत्रों में 60-100 किमी प्रति घंटा की हवा चलने की संभावना है. दक्षिण तमिलनाडु, पुडुचेरी, श्रीलंका और दक्षिण आंध्र तटों पर गेल-फोर्स हवाएं चलेंगी.

आईएमडी ने 1 दिसंबर तक समुद्र में मछली पकड़ने पर पूरी तरह रोक लगा दी है. पहले से समुद्र में मौजूद नावों को तुरंत सुरक्षित स्थानों की ओर जाने की सलाह दी गई है. लोगों को घरों में सुरक्षित रहने की सलाह दी गई है.
चक्रवाती तूफान 'दित्वा' श्रीलंका के तटीय क्षेत्र और दक्षिण–पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर सक्रिय है. तूफान पिछले 6 घंटों में 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर और उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ा है.
तूफान का केंद्र त्रिंकोमाली से 50 किमी दक्षिण, बैटिकलोआ से 70 किमी उत्तर-पश्चिम और हंबनटोटा से 220 किमी उत्तर में स्थित था, जबकि यह भारत के पुडुचेरी से 460 किमी दक्षिण-पूर्व और चेन्नई से 560 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित था.

चक्रवात के तमिलनाडु तट के समानांतर आगे बढ़ने की संभावना है. कावेरी डेल्टा के जिलों और तटीय इलाकों में बारिश की आशंका को देखते हुए सरकार ने जिलाधिकारियों को सतर्क रहने और उचित बचाव एवं राहत उपाय शुरू करने की सलाह दी है. साथ ही मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है.

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने राहत के लिए 1.2 अरब रुपये किए जारी
इधर श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने अधिकारियों को बिना किसी देरी के बचाव और राहत कार्य करने का निर्देश दिया है, 1.2 अरब रुपये तत्काल जारी किए हैं और 2025 के बजट के तहत आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए 30 अरब रुपये अलग रखे हैं. प्रशासनिक देरी से बचने के लिए एक नया परिपत्र जारी किया गया है, जबकि रक्षा मुख्यालय में एक समर्पित समन्वय इकाई और दस आपातकालीन हॉटलाइन सक्रिय की गई हैं.
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इस बीच, भारी बारिश के कारण परिवहन बाधित हो रहा है, कोलंबो की प्रमुख सड़कें जलमग्न हो गई हैं और दक्षिणी एक्सप्रेसवे के कुछ हिस्सों पर यातायात प्रतिबंधित है. कम दृश्यता के कारण श्रीलंकाई एयरलाइंस की सेवाओं सहित कई उड़ानों को त्रिवेंद्रम, कोचीन और मट्टाला की ओर मोड़ दिया गया है.

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