मौजूदा नेतृत्व समावेशिता का महत्वपूर्ण सबक भूल चुका है : शशि थरूर

शशि थरूर ने अपनी किताब ‘प्राइड, प्रिजुडिस एंड पंडिट्री’ के विमोचन के मौके पर कहा कि यह संसदीय प्रणाली की एक खामी है जो विभाजन करने वालों के लिए अवसर पैदा करती है

मौजूदा नेतृत्व समावेशिता का महत्वपूर्ण सबक भूल चुका है : शशि थरूर

शशि थरूर (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ‘‘समावेशिता के महत्वपूर्ण सबक को भूल जाने'' के लिए बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की. अपनी किताब ‘प्राइड, प्रिजुडिस एंड पंडिट्री' के विमोचन के मौके पर थरूर ने कहा कि यह संसदीय प्रणाली की एक खामी है जो ‘‘विभाजन करने वालों के लिए अवसर पैदा करती है.''

तिरुवनंतपुरम के सांसद थरूर ने कहा, ‘‘एक बात जो मैं (देश के) वर्तमान नेतृत्व के बारे में कहूंगा वह यह है कि वह समावेशिता का महत्वपूर्ण सबक भूल चुका है. मुझे लगता है कि जब आप सरकार के प्रमुख बन जाते हैं या आप देश की सरकार बन जाते हैं तो आपको सभी लोगों का प्रतिनिधित्व करना होता है, न कि केवल अपने संकीर्ण राजनीतिक हित पर ध्यान दिया जाता है.''

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उन्होंने कहा, ‘‘अगर सत्ता में पांच साल या उससे अधिक समय किसी विशेष विचारधारा को लागू करने के ‘‘अथक प्रयास'' में खर्च कर देते हैं तो आप देश का अच्छा नहीं कर रहे हैं. मुझे लगता है कि यह व्यवस्था की एक और खामी है.''



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)