मुंबई : महाराष्ट्र के पालघर जिले में वसई तट के निकट एक संकटग्रस्त व्यावसायिक पोत से 20 लोगों को नौसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से बचा लिया गया।
रविवार रात 11.10 बजे मुम्बई समुद्री सीमा से 40 नॉटिकल मील यानी करीब 75 किलोमीटर दूर फंसे एक कंटेनर वेसल में से भारतीय नौसेना ने 20 लोगों को बचाया। चॉपर से निकलते समंदर में फंसे जिंदल कामाक्षी नाम के कंटेनर वेसल में कप्तान समेत 20 लोगों को भारतीय नौसेना ने सोमवार सुबह 8.30 बजे तक बचा लिया।
जहाज़ करीब 10-15 कंटेनर्स के खिसक कर एक ओर आ जाने की वजह से एक ओर झुक गया। रविवार रात से ही भारतीय नौसेना बचाव कार्य में जुट गयी। कमांडर संजय शुक्ला ने कहा कि सुबह के रेस्क्यू ऑपरेशन के वक़्त मौसम रात जितना ही ख़राब था। तेज़ हवा और बारिश के चलते साफ़ दिखाई नहीं दे रहा था। हमने पाया कि जहाज़ पर हेलीकॉप्टर उतरने के लिए जगह नहीं थी। इसलिए लोगों को रस्सी के सहारे उठाया गया।
जहाज़ के कप्तान महेंद्र पाल प्रभाकर का कहना है कि जहाज़ के करीब 10-15 कंटेनर्स खिसक कर जहाज़ की पोर्ट साइड पर आ गए जिससे जहाज़ का संतुलन बिगड़ गया। एक कंटेनर करीब 30 टन का था और करीब 300-450 टन वज़न एक ओर आ गया। जहाज़ करीब 20 डिग्री तक झुक गया। स्थिति को संभालने के लिए हमने दूसरी तरफ़ करीब 200 टन पानी भरा। पर जब स्थिति संभालती हुई दिखाई नहीं दी तो हमने इंडियन कोस्ट गार्ड से मदद मांगी। जिंदल कामाक्षी गुज़रात से कोच्चि की ओर जा रहा था।
रविवार रात 11.10 बजे मुम्बई समुद्री सीमा से 40 नॉटिकल मील यानी करीब 75 किलोमीटर दूर फंसे एक कंटेनर वेसल में से भारतीय नौसेना ने 20 लोगों को बचाया। चॉपर से निकलते समंदर में फंसे जिंदल कामाक्षी नाम के कंटेनर वेसल में कप्तान समेत 20 लोगों को भारतीय नौसेना ने सोमवार सुबह 8.30 बजे तक बचा लिया।
जहाज़ करीब 10-15 कंटेनर्स के खिसक कर एक ओर आ जाने की वजह से एक ओर झुक गया। रविवार रात से ही भारतीय नौसेना बचाव कार्य में जुट गयी। कमांडर संजय शुक्ला ने कहा कि सुबह के रेस्क्यू ऑपरेशन के वक़्त मौसम रात जितना ही ख़राब था। तेज़ हवा और बारिश के चलते साफ़ दिखाई नहीं दे रहा था। हमने पाया कि जहाज़ पर हेलीकॉप्टर उतरने के लिए जगह नहीं थी। इसलिए लोगों को रस्सी के सहारे उठाया गया।
जहाज़ के कप्तान महेंद्र पाल प्रभाकर का कहना है कि जहाज़ के करीब 10-15 कंटेनर्स खिसक कर जहाज़ की पोर्ट साइड पर आ गए जिससे जहाज़ का संतुलन बिगड़ गया। एक कंटेनर करीब 30 टन का था और करीब 300-450 टन वज़न एक ओर आ गया। जहाज़ करीब 20 डिग्री तक झुक गया। स्थिति को संभालने के लिए हमने दूसरी तरफ़ करीब 200 टन पानी भरा। पर जब स्थिति संभालती हुई दिखाई नहीं दी तो हमने इंडियन कोस्ट गार्ड से मदद मांगी। जिंदल कामाक्षी गुज़रात से कोच्चि की ओर जा रहा था।
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