कोरोना वायरस की महामारी के कारण जारी लॉकडाउन के बीच मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन पर अलग ही तरह का दृश्य है. यहां हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर उन्हें 'घर' की ओर ले जाने वाली ट्रेन पर सवार होने के लिए समानांतर चार लाइनों में कतारबद्ध हैं. इनमें से ज्यादातर श्रमिकों को बसों के जरिये धारावी और कुर्ला जैसे स्थानों से लाया गया है. ये श्रमिक स्पेशल ट्रेन पर सवार होंगे जो इनको यूपी, बिहार और अन्य राज्यों तक पहुंचाएंगी. महाराष्ट्र से पांच लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों ने उन्हें घर तक पहुंचाने के लिए स्थापित की गई हेल्पलाइन में रजिस्टर किया था.
ये श्रमिक राज्य की कंस्ट्रक्शन साइट्स, फैक्टरियों और ईंटों की भट्टे में काम करते हैं. हेल्पलाइन में रजिस्टर करने में बाद ये श्रमिक सुबह से ही लाइन में लग गए थे. इनमें से एक ने कहा, ''मैंने 5 मई (मई) को पंजीकृत किया. मैं पटना जा रहा हूं," इनमें से कई मजदूरों ने मार्च माह के आखिरी सप्ताह में लागू किए लॉकडाउन के बाद से अपनी परेशानियों का जिक्र किया. देश में लॉकडाउन लागू हुए करीब पौने दो माह का समय हो चुका है.
एक श्रमिक ने NDTV से बातचीत में कहा, 'हम अब कभी मुंबई नहीं लौटेंगे. हमने काफी मुसीबतों का सामना किया, सरकार ने भी हमारी मदद नहीं की. यदि हमें सीमित आय में अपने गांव में रहना होगा तो अब हम वहीं रह लेंगे.' कई श्रमिकों ने लॉकडाउन के बीच पैदल ही घर लौटने का फैसला किया तो कुछ ने साइकिल का सहारा लिया. इनमें से कुछ श्रमिकों को रोड एक्सीडेंट के कारण जान गंवानी पड़ी, वहीं कुछ ने लगातार पैदल चलने के कारण हुई थकान के चलते दम तोड़ दिया. गौरतलब है कि महाराष्ट्र राज्य और महानगरी मुंबई कोरोना वायरस के कारण बुरी तरह प्रभावित है. देश में सबसे ज्यादा कोरोना के केस महाराष्ट्र से ही सामने आए हैं. मुंबई में भी केसों की संख्या 17 हजार के पार पहुंच चुकी है.
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