कोरोना महामारी के खिलाफ स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन की निर्माता कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) का कहना है कि हम जल्द से जल्द विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मंजूरी हासिल कर लेंगे. कंपनी का कहना है कि कोवैक्सीन (Covaxin) के टीके की समीक्षा प्रक्रिया शुरू हो गई है और जल्द ही आपातकालीन इस्तेमाल के लिए इसे मंजूरी दी जा सकती है. दरअसल, भारत में तो कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन के टीके को आपातकालीन मंजूरी के तहत इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन दुनिया के दूसरे देशों में इसके उपयोग में अड़चन आ रही है,क्योंकि इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंजूरी नहीं दी है.
डब्ल्यूएचओ ने पिछले हफ्ते कहा था कि भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन को आपात उपयोग की सूची (Emergency Use Approval) में शामिल करने पर फैसला चार से छह हफ्ते में कर सकता है. डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या विश्वनाथन ने सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट के वेबिनार में कहा था कि कोवैक्सीन के निर्माता भारत बायोटेक उसके समस्त आंकड़े को हमारे पोर्टल पर अपलोड कर रहे हैं. डब्ल्यूएचओ इस टीके की समीक्षा कर रहा है. डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के अनुसार ईयूएल एक प्रक्रिया है. इसके तहत नये या गैर-लाइसेंस प्राप्त उत्पादों का इस्तेमाल सार्वजनिक स्वास्थ्य की आपात स्थितियों में किया जा सकता है.
दरअसल, आपातकालीन मंजूरी की एक प्रक्रिया होती है. इसमें किसी कंपनी को तीसरे चरण के परीक्षण पूरे करने होते हैं और सारे आंकड़े डब्ल्यूएचओ के पास जमा करने होते हैं. इनका एक विशेषज्ञ समूह अध्ययन करता है. इनमें सुरक्षा और प्रभाव तथा उत्पादन गुणवत्ता, मानक शामिल हैं. भारत बायोटेक ने पहले ही आंकड़े जमा कर दिये हैं. डब्ल्यूएचओ ने फाइजर-बायोएनटेक, एस्ट्राजेनेका-एसके बायो-सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, एस्ट्राजेनेका ईयू, जानसेन, मॉडर्ना और सिनोफार्म के टीकों को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी है.
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