ओडिशा के नयागढ़ जिले के एक व्यक्ति और उसकी पत्नी ने मंगलवार को विधानसभा के बाहर आत्मदाह करने का प्रयास करते हुए दावा किया कि उनकी पांच साल की बेटी के अपहरण-हत्या मामले में उन्हें न्याय नहीं मिला है . विधानसभा भवन के पास तैनात सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और दंपति को रोक लिया. दंपति की पहचान अशोक साहू और सौदामणि के तौर पर हुई . दंपति ने केरोसिन छिड़ककर खुद को आग लगाने का प्रयास किया लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया.
पुलिस ने दंपति के पास से केरोसिन की बोतल और दियासलाई लेने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया. अशोक ने दावा किया कि उनकी पांच वर्षीय बेटी को 10 जुलाई को तब अगवा कर लिया गया जब वह घर के पास खेल रही थी. बाद में घर के पीछे उसका शव मिला. उन्होंने दावा किया,‘‘हमने नयागढ़ सदर थाने में शिकायत दर्ज करायी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई . दो सप्ताह बाद घर के पीछे शव मिला.'' अशोक ने कहा, ‘‘हमने जिला पुलिस अधीक्षक और जिलाधीश के शिकायत प्रकोष्ठ को आरोपियों के नाम भी बताए थे लेकिन आरोपियों को दंडित नहीं किया गया.''
उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी नयागढ़ जिले से एक मंत्री का सहायक है इसलिए पुलिस ‘राजनीतिक दबाव' में कदम नहीं उठा पायी.अशोक ने आरोप लगाया कि आरोपियों और उसके सहयोगियों ने 26 अक्टूबर को उनपर भी हमला किया क्योंकि उन्होंने मामले में शिकायत वापस लेने से मना कर दिया. उन्होंने दावा किया, ‘‘हालांकि पुलिस ने हमला के लिए 10 लोगों को गिरफ्तार किया लेकिन मुख्य आरोपी को छोड़ दिया.'' संयोग से दंपति ने विधानसभा के बाहर जब आत्मदाह का प्रयास किया उस समय सदन के सदस्य राज्य में कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर चर्चा कर रहे थे.
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