मध्य प्रदेश में एक महिला की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नेगिटिव आने पर भी मौत के बाद प्रशासन ने अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कर दिया, यहां तक की महिला के घरवालों तक को नहीं बताया. रतलाम मेडिकल काॅलेज में जावरा की महिला की बुधवार शाम माैत हाे गई थी. प्रशासन ने परिजन काे इसकी सूचना तक नहीं दी. इस महिला की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट 2 बार निगेटिव आ चुकी थी. फिर भी रतलाम में नगर निगम ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत इनका अंतिम संस्कार किया. परिवारवालों का आरोप है कि उन्हें मां की मौत की सूचना अस्पताल की बजाय कहीं और से मिली. वे सुबह 8 बजे सीधा मुक्तिधाम पहुंचे, जहां 5 घंटे बाद शव लाया गया. महिला के बेटे का आरोप है कि शव वाहन के साथ आए लोगों ने पीपीई किट और ग्लव्ज भी चिता में डाल दिए.
वीडियो में आप साफ देख सकते है ंकि किस प्रकार दो लोगों ने अपनी पीपीई किट और गल्व्ज चिता में डाल दिए. ये दोनों लोग शव वाहन के साथ में आने वाले बताए जा रहे हैं.
रतलाम मेडिकल काॅलेज में #कोरोना_पॉज़िटिव की मौत के बाद महिला के बेटे का आरोप है कि शव वाहन के साथ आए लोगों ने पीपीई किट और ग्लव्ज भी चिता में डाल दिए @ndtvindia @ndtv #Covid_19india #CoronavirusIndia #lockdown #आरक्षण_मौलिक_अधिकार_है #WorldDayAgainstChildLabor pic.twitter.com/ODLzP6ES0T
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) June 12, 2020
उनके बेटे राकेश ने आरोप लगाया कि कोरोना संदिग्ध बताकर उनकी मां को दूसरी बार मेडिकल कॉलेज में क्वारेंटीन किया गया था, बाद में नेगेटिव बताकर 22 मई को घर वापस भेजा था जिसके बाद सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद 5 जून को दुबारा क्वारेंटीन किया गया था, लेकिन 5 जून के बाद से उनकी फोन पर भी मां से बात नहीं करवाई. 10 जून को उन्हें मौत की सूचना दी, 11 जून को श्मशान बुलाया लेकिन शव का चेहरा दिखाये बिना दाह संस्कार करवा दिया गया.
इस मामले में मेडिकल कॉलेज चौकी के प्रभारी सुरेश कुमार शिंदे ने कहा (एएसआई ,मेडिकल कॉलेज चौकी प्रभारी), 'ये मृतक शांतिबाई जावरा में रहती है इनकी कोरोना के इलाज के दौरान मौत हुई थी, कोरोना के प्रोटोकॉल के तहत इनका अंतिम संस्कार करवाया गया है.'
(( रतलाम में साजिद खान के इनपुट के साथ))
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