सीबीआई ने कथित तौर पर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक 74.93 करोड़ रुपये की संपत्ति इकट्ठा करने के लिए कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार के 14 परिसरों पर सोमवार को छापेमारी की और एजेंसी ने दावा किया कि 57 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं. इस पर कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा,'' यह छापा मेरे खिलाफ भाजपा की प्रतिशोध की राजनीति का एक और कदम है. कोरोना और भाजपा सरकार की विफलताओं को उजागर करने के बाद से कांग्रेस लोगों की ओर से लड़ रही थी. इस तरह के छापे मुझे अन्याय के खिलाफ लड़ने से नहीं रोकेंगे. हम लोगों की अदालत में इस तरह की रणनीति के खिलाफ जीतेंगे.''
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सीबीआई ने आरोप लगाया कि सात महीने चली प्रारंभिक जांच के बाद मामला दर्ज किया गया. एजेंसी का आरोप है कि कर्नाटक सरकार में मंत्री रहने के दौरान शिवकुमार ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर आय से अधिक संपत्ति जुटाई. उन्होंने कहा कि कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष और विधायक शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई का यह पहला मामला है, जिन्हें पहले प्रवर्तन निदेशालय ने कथित धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था.
प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआई के दलों ने सोमवार सुबह 14 स्थानों पर तलाशी शुरू की जिनमें कर्नाटक में नौ, दिल्ली में चार और मुंबई में एक स्थान है. अधिकारियों के अनुसार शिवकुमार, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के परिसरों से तलाशी के दौरान अब तक 57 लाख रुपये बरामद किये गये हैं.
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सूत्रों के अनुसार जिन परिसरों पर तलाशी की कार्रवाई चल रही है उनमें शिवकुमार के भाई तथा बेंगलुरु ग्रामीण से लोकसभा सदस्य डी के सुरेश की संपत्तियां भी शामिल हैं. सीबीआई के अधिकारी आज सुबह बेंगलुरु में उनके आवास पर तथा कनकपुरा के डोड्डालाहल्ली में भी उनके परिसरों पर पहुंचे. सीबीआई के एक बयान के अनुसार, ‘‘ कर्नाटक सरकार के तत्कालीन मंत्री और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्तियां जुटाने के आरोप में सीबीआई ने मामला दर्ज किया है. 14 स्थानों पर तलाशी चल रही है जिनमें नौ कर्नाटक में, चार दिल्ली में और एक मुंबई में हैं.''
कांग्रेस नेताओं ने कर्नाटक के सीरा और आर आर नगर विधानसभा क्षेत्रों के लिए तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले सीबीआई की कार्रवाई के समय पर सवाल खड़ा करते हुए केंद्र एवं राज्य की भाजपा सरकारों पर हमला किया है. कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी-येदियुरप्पा के डराने धमकाने और कुचक्र के कपटपूर्ण खेल को कठपुतली सीबीआई द्वारा डी के शिवकुमार के परिसरों पर छापे मारकर अंजाम दिया जा रहा है, जिससे हम डरने वाले नहीं हैं. सीबीआई को येदियुरप्पा सरकार में भ्रष्टाचार की परतों को उजागर करना चाहिए. ''
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी और येदियुरप्पा की सरकारें और सीबीआई-प्रवर्तन निदेशालय तथा आयकर विभाग जैसी भाजपा की सहयोगी संस्थाएं जानती हैं कि कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता ऐसे कपटपूर्ण प्रयासों के सामने न तो हतोत्साहित होंगे और ना ही झुकेंगे. जनता के लिए हमारी लड़ाई और भाजपा के कुशासन का पर्दाफाश करने का हमारा संकल्प और मजबूत ही होगा.''
कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने भी ट्वीट में कहा, ‘‘भाजपा ने हमेशा बदले की राजनीति में संलिप्त रहने और जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास किया है. कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार के घर पर सीबीआई का ताजा छापा उपचुनाव के लिए हमारी तैयारियों को बेपटरी करने का एक और प्रयास है.''
कांग्रेस प्रवक्ता और कर्नाटक उच्च न्यायालय में वरिष्ठ वकील ए एस पोन्नना ने तलाशी पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि अदालत ने सीबीआई से जल्दबाजी नहीं करने को कहा था क्योंकि शिवकुमार ने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में सीबीआई को राज्य सरकार द्वारा जांच की अनुमति दिये जाने पर सवाल उठाया था. भाजपा ने आरोपों से इंकार किया और कहा कि शिवकुमार को अपनी संपत्ति के स्रोत के बारे में एजेंसी को जवाब देना चाहिए.
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भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सी. टी. रवि ने कहा कि शिवकुमार को सीबीआई जांच में सहयोग करना चाहिए. कर्नाटक के पूर्व मंत्री रवि ने कहा, ‘‘सीबीआई अपना काम कर रही है. अगर कांग्रेस नेता साफ हैं तो उन्हें सहयोग करना चाहिए और सच्चाई बतानी चाहिए.''
इससे पहले शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन मामले में पिछले साल 23 सितंबर को गिरफ्तार किया था और उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में रखा गया था. दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद उन्हें 23 अक्टूबर को रिहा किया गया था. कर्नाटक के पूर्व कैबिनेट मंत्री ने गुजरात के कांग्रेस विधायकों की 2017 के राज्यसभा चुनावों के दौरान उन्हें सुरक्षित ठहराने में मुख्य भूमिका निभाई थी. उस दौरान भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का प्रयास करने के आरोप लगे थे.
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