कांग्रेस (Congress) के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला रविवार को कहा कि भारत की सरजमीं पर चीनी (China) कब्ज़े का दुस्साहस लगातार बना है. चीन डेपसांग प्लेंस तथा पैंगोंग त्सो लेक इलाके में न केवल जबरन कब्ज़ा बनाए है, बल्कि चीन के अतिरिक्त सैन्य निर्माण से साफ तौर पर खतरे का आभास भी है. उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार (Modi Government) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) चीनी दुस्साहस और कब्ज़े को लेकर केवल मीडिया के माध्यम से भ्रम का जाल पैदा करने में लगे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोदी सरकार से पांच सवाल किए हैं.
सुरजेवाला ने सवाल किया है कि देश के लगभग हर समाचार पत्र, आर्मी जनरल व सैटेलाइट तस्वीरों व अब रक्षा मंत्री के खुद के बयान द्वारा प्रधानमंत्री जी के हमारी सीमा में चीनी घुसपैठ न होने के बयान को साफ तौर से झुठलाया जा रहा है. क्या प्रधानमंत्री जी ने सर्वदलीय बैठक को चीनी घुसपैठ के बारे में सही तथ्य नहीं बताए? देश के रक्षा मंत्री द्वारा दिए गए ट्वीटर पर बयान का मतलब है कि चीन से बातचीत के द्वारा हल निकलने की कोई गारंटी नहीं है? क्या चीनी कब्जे को स्वीकार करते हुए मोदी सरकार ने यह मान लिया है कि वो अब इसका कोई हल नहीं निकाल सकते?
कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा है कि क्या चीन अब भी डेपसांग प्लेन्स व दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में सैन्य निर्माण कर रहा है, जैसा सैटेलाइट तस्वीरें दिखा रही हैं? भारत की सीमा में हो रहे, भारत की सरजमीं पर हो रहे इस चीनी निर्माण के बारे में, हमारी सरजमीं की रक्षा हेतु मोदी सरकार क्या कदम उठा रही है? क्या चीन ने अब भी फिंगर 4 से फिंगर 8 के बीच पैंगोंग त्सो लेक इलाके में कब्ज़ा बना रखा है? चीनी सेना से यह कब्ज़ा छुड़वाने बारे में मोदी सरकार की रणनीति क्या है?
कांग्रेस ने पूछा है कि मई, 2020 से पहले की यथास्थिति बनाने के बारे में व चीन को भारतीय सीमा से पीछे धकेलने के बारे कितना समय और लगेगा व मोदी सरकार की इस बारे में नीति, रास्ता और दृष्टि क्या है?
सुरजेवाला ने कहा है कि ये दलों का सवाल नहीं, ये देश का सवाल है और अगर देश की सीमा पर चीनी सेना ने सैन्य निर्माण बदस्तूर जारी कर रखा है. चीनी सेना आज भी हमारी सरजमीं पर घुसपैठ करके बैठी है. चीनी सेना हमारी सीमा पर अगर दो-दो डिवीजन और सेना सामग्री एकत्र कर रही है, तो ये राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ का मामला है. इस पर कोई समझौता मंजूर नहीं हो सकता. खास तौर से रक्षा मंत्री का बयान अपने आप में चौंकाने वाला है. अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रहित में, राष्ट्र सेवा में और राज धर्म की अनुपालना करते हुए सामने आकर जवाब दें.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि चीनी घुसपैठ के बारे में भ्रमजाल की स्थिति को लेकर कुछ तथ्य हैं जो मोदी सरकार के विपरीतार्थक बयानों के झूठ को जगजाहिर करते हैं. पीएम मोदी ने 19 जून 2020 को सर्वदलीय बैठक में कहा कि ‘‘न तो हमारी सीमा में कोई घुसा है, न ही कोई घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्ज़े में है.'' 26 जून 2020 की शाम को ही चीन में भारत के राजदूत ने भारत की एक न्यूज़ एजेंसी को बयान देते हुए कहा कि ‘चीन अपनी ज़िम्मेदारी समझ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल में चीन की तरफ अपनी सीमा में पीछे हट जाए.' 17 जून 2020 को विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने लिखित तौर पर स्वीकार किया कि चीन ने ‘गलवान घाटी' में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पार भारतीय क्षेत्र में कब्ज़ा कर रखा है.'
विदेश मंत्रालय ने 20 जून व 25 जून 2020 को दो अलग-अलग लिखित बयानों में ये स्वीकार किया कि चीन ने मई-जून, 2020 में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की है. 17 और 18 जुलाई 2020 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दौरे के बाद 17 जुलाई 2020 की शाम को उन्होंने एक सनसनीखेज और आश्चर्यचकित ट्वीट किया और कहा कि, ‘‘जो कुछ भी अब तक बातचीत की प्रगति हुई है, उससे मामला हल होना चाहिए. देखिए फिर आगे कहते हैं “कहां तक हल होगा, इसकी गारंटी नहीं दे सकता....''
सुरजेवाला ने कहा है कि ताजा तथ्य दर्शाते हैं कि चीन ने अब भी डेपसांग व दौलत बेग ओल्डी इलाके में भारतीय सीमा में ना केवल कब्जा कर रखा है, बल्कि लगातार भारत की कब्जा की हुई सरजमीं पर सैन्य निर्माण कर रहा है. यही नहीं, चीन पैट्रोलिंग प्वाइंट 10 से पैट्रोलिंग प्वाइंट 13 तक भारतीय सेना द्वारा भारतीय पैट्रोलिंग में बाधा पैदा कर रहा है. पैंगोंग त्सो लेक इलाके में अभी भी चीन ने फिंगर 8 से फिंगर 4 के बीच पहाड़ियों पर भारतीय सीमा के आठ किलोमीटर अंदर तक कब्जा कर रखा है, जहां 3,000 के करीब चीनी सैनिक मौजूद हैं. इसके विपरीत भारत ने फिंगर 4 पर स्थिति आईटीबीपी के एडमिनिस्ट्रेटिव बेस से पीछे मोदी सरकार ने भारतीय सेना को पीछे हटा फिंगर 3 व 2 के बीच में ले आई है.
चीन ने डेपसांग के नज़दीक उनके खुद के क्षेत्र में स्थित नारी-गुंसा, जो एक नागरिक हवाई पट्टी थी, उसे अब एक सैन्य हवाई पट्टी में बदलकर निर्माण कर लिया है, जो भारतीय सीमा के ठीक बिल्कुल ऊपर मौजूद है, जिससे हमें सामरिक खतरा है. चीन ने सैनिकों के दो डिवीज़न ( यानी 20,000 सैनिक से ज्यादा) को लद्दाख में भारतीय इलाके के नज़दीक तैनात कर रखा है व बड़ी मात्रा में युद्ध सामग्री जमा कर ली है. अगर ये सब खतरे का एहसास नहीं तो क्या है?
रणदीप सिंह सुरजेवाला सवाल कि पायलट ख़ेमे के साथ क्या बातचीत का कोई रास्ता खुला हुआ है, कहा कि मीडिया से बात नहीं होती. परिवार का मसला परिवार में बैठकर सुलझेगा. सचिन पायलट और उनके विधायकों को चाहिए कि भाजपा की मेहमाननवाज़ी छोड़ें.
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