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This Article is From Jul 06, 2020

जलवायु परिवर्तन के चलते बढ़ीं आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं, और खराब हो सकती है स्थिति: रिपोर्ट

बिहार में पिछले 10 दिनों में 147 लोगों की जान आकाशीय बिजली गिरने की वजह से जा चुकी है. रविवार को अधिकारियों ने कहा कि क्लाइमेट चेंज की वजह से इतनी जानलेवा आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं हो रही हैं और स्थिति ज्यादा खराब होने की आशंका है.

जलवायु परिवर्तन के चलते बढ़ीं आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं, और खराब हो सकती है स्थिति: रिपोर्ट
बिहार में मार्च से अबतक 215 लोगों की बिजली गिरने से हो चुकी है मौत. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
बिहार में अबतक 215 जानें गईं
पिछले 10 दिनों में महज 147 मौतें
अधिकारियों ने बताया- क्लाइमेट चेंज है वजह
पटना:

बिहार में पिछले 10 दिनों में 147 लोगों की जान आकाशीय बिजली गिरने की वजह से जा चुकी है. रविवार को अधिकारियों ने कहा कि क्लाइमेट चेंज की वजह से इतनी जानलेवा आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं हो रही हैं और स्थिति ज्यादा खराब होने की आशंका है. अधिकारियों ने बताया कि बिहार में मार्च महीने से अबतक 215- किसान, मजदूर और चरवाहे बिजली गिरने के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं. 

बिहार के डिजास्टर मैनेजमेंट मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने कहा कि 'मुझे मौसम विज्ञानियों, विशेषज्ञों और अधिकारियों की ओर से बताया गया है कि बढ़ते तापमान के कारण जलवायु में हुए बदलाव के चलते इतनी ज्यादा आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं में तेजी आई है.' उन्होंने बताया कि अकेले शनिवार को 25 लोगों की मौत हो गई थी.

भारतीय मौसम विभाग ने (India Meteorological Department) ने अगले 48 घंटों में बिजली गिरने की और घटनाएं होने की चेतावनी जारी की है. बता दें कि जून से सितंबर के बीच चलने वाले मॉनसून में बिजली गिरने की घटनाएं आम हैं. लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इस साल बिहार में अबतक बिजली गिरने की घटनाओं से जितनी मौतें हो चुकी हैं, वो पिछले कुछ सालों में इन घटनाओं में सलाना होने वाली मौतों से भी ज्यादा हो चुकी हैं. पिछले साल मॉनसून के दौरान यहां कुल 170 लोगों की मौत हुई थी, जो अभी जुलाई की शुरुआत तक ही 215 हो चुकी है.

बिहार के agrometeorologist यानी कृषि-मौसम वैज्ञानिक अब्दुस सत्तार का कहना है कि वातावरण में बड़े स्तर पर आई अस्थिरता के चलते बिजली गिरने और बादल कड़कने जैसी घटनाएं ज्यादा हो रही हैं. इसमें बढ़े हुए तापमान और बढ़ी हुई आर्द्रता के चलते और भी तेजी आई है. 

बता दें कि राज्य के अधिकारियों ने एक मोबाइल फोन ऐप लॉन्च किया है, जिसमें संभावित बिजली गिरने की घटना का अनुमान जारी किया जाएगा, हालांकि बहुत से किसान ऐसे हैं, जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है. 

अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो अधिकारियों के मुताबिक, अप्रैल महीने से इन घटनाओं में अबतक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, 2018 में 2,300 से ज्यादा लोगों की बिजली गिरने की घटनाओं में जान चली गई थी.

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