नागरिकता संशोधन कानून का देशभर में खासा विरोध हो रहा है. जगह-जगह हो रहे प्रदर्शनों में लोग मोदी सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. कई राज्यों में प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया. उत्तर प्रदेश की बात करें तो अभी तक यहां हिंसा में 16 लोगों की मौत हो चुकी है और पुलिसकर्मियों सहित सैकड़ों लोग घायल हुए हैं. कई जिलों में धारा 144 लागू है और इंटरनेट व एसएमएस सेवाओं पर रोक लगा दी गई है. यूपी के डीजीपी ओपी सिंह लगातार कह रहे हैं कि पुलिस ने किसी भी प्रदर्शनकारी पर गोली नहीं चलाई है लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो कुछ अलग ही कहानी बयां कर रहे हैं. एक वायरल वीडियो में कानपुर में प्रदर्शन के दौरान पुलिस लोगों पर फायरिंग करती दिख रही है. इस वीडियो को लेकर अभी तक पुलिस विभाग के आला अधिकारियों का कोई बयान नहीं आया है.
नागरिकता संशोधन कानून का UP में पुरजोर विरोध, 10 बड़ी बातें
उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या 16 हो गई है. पिछले दो दिनों से हिंसा जारी है लेकिन कल यानी शनिवार को शुक्रवार के मुकाबले कम हिंसा हुई.
शनिवार को कानपुर में हिंसा हुई. एक पुलिस चौकी को फूंक दिया गया. पुलिस पर पथराव भी हुआ. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया.
यूपी के रामपुर में भी पथराव और तोड़फोड़ हुई. भारी तादाद में पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद काफी देर तक विरोध और हंगामा चलता रहा.
यूपी के आईजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रवीण कुमार ने हंगामा होने और पुलिस कार्रवाई की जानकारी दी. इससे पहले शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के करीब 22 जिलों में प्रदर्शन हुआ था, जिसमें ज्यादातर मौतें हुई हैं.
इन मौतों के बाद यूपी पुलिस ने दावा किया कि पुलिस फायरिंग में किसी की मौत नहीं हुई है. यह सारी मौतें प्रदर्शनकारियों के बीच हुई क्रॉस फायरिंग में हुई हैं.
कानपुर में जिन इलाकों में हिंसा हुई, उन इलाकों में कुछ बुज़ुर्ग और स्थानीय नेता प्रदर्शनकारियों को शांत कराते नजर आए. बावजूद इसके हंगामा चलता रहा.
वाराणसी में भी बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे, जिन्हें संभालने में पुलिस को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. बाद में शहर काजी गुलाम यासीन पुलिस की मदद के लिए सामने आए. उन्होंने पुलिस की गाड़ी में बैठकर लोगों से शांति की अपील की.
यूपी में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान हुई हिंसा में पुलिस ने अब तक 705 लोगों को गिरफ्तार किया है. 4500 लोगों को निजी मुचलकों पर पाबंद किया गया है.
उत्तर प्रदेश में हुई हिंसक झड़प में कुल 263 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से 57 गोली लगने से घायल हुए हैं. हिंसाग्रस्त इलाकों से 405 खाली कारतूस बरामद हुए हैं.
मुजफ्फरनगर में शहर प्रशासन द्वारा मीनाक्षी चौक के आसपास की 67 दुकानों को सील कर दिया गया है. एडीएम (शहर) अमित सिंह ने दुकानों को सील किए जाने की पुष्टि की है. पुलिस का कहना है कि इसी इलाके में सबसे ज्यादा हिंसा हुई थी.