न्याययाधीश उत्तम आनंद की मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अनुशंसा की है. मालूम हो कि 28 जुलाई की सुबह धनबाद में मार्निंग वॉक के दौरान एक ऑटो की टक्कर से उनकी मौत का मामला सामने आया था. झारखंड पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना में प्रयुक्त ऑटो और उसके चालक को धर दबोचा था. मुख्यमंत्री की पहल पर मामले के त्वरित अनुसंधान और दोषियों को दबोचने के लिए एसआइटी का गठन किया गया था.
बता दें कि न्याययाधीश उत्तम आनंद के परिजनों ने एक दिन पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी मुलाकात की थी. सीएम सोरेन ने इस दुखद घटना के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की थी. उन्होंने कहा था कि सरकार इस दुख की घड़ी में उनके साथ है. उन्होंने परिजनों से कहा था कि मामले की जांच को लेकर राज्य सरकार गंभीर है. त्वरित गति से इस घटना की जांच की जाएगी. परिजनों को न्याय मिले यह राज्य सरकार की प्राथमिकता है.
याद दिला दें कि घटना वाले दिन जज उत्तम आनंद मॉर्निंग वॉक पर निकले थे. इस दौरान ऑटो उनकी तरफ तेजी से बढ़ा और उन्हें टक्कर मारते हुए आगे निकल गया. यह पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद हो गया था. सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस घटना के वीडियो ने हंगामा मचा दिया था.
घटना के फौरन बाद वहां मौजूद एक राहगीर ने खून से लथपथ पड़े जज उत्तम आनंद को अस्पताल पहुंचाया था. अस्पताल में जज उत्तम आनंद ने दम तोड़ दिया था. घटना के घंटों बाद उनकी शिनाख्त हो पाई थी.
झारखंड : सुबह की सैर पर निकले जज की ऑटो की टक्कर से मौत, हत्या या हादसा?
घटना का सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद पुलिस ने कहा था कि स्पष्ट है कि ऑटो रिक्शा के चालक ने उन्हें जानबूझकर टक्कर मारी थी. महानिरीक्षक अमोल विनुकांत होमकर ने कहा, "दो लोगों - लखन कुमार वर्मा और राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया गया है और ऑटो-रिक्शा को जब्त कर लिया गया है. आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है." पुलिस ने बताया कि वाहन चोरी का था.
धनबाद में जिला जज उत्तम आनंद को ऑटो ने मारी टक्कर, मौके पर ही मौत
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