फाइल फोटो : तीस्ता सीतलवाड़
मुंबई:
समाजसेवी तीस्ता सीतलवाड़ के मुंबई स्थित घर और दफ्तर पर आज सीबीआई ने छापेमारी की। जांच एजेंसी के 16 अधिकारियों ने इस छापेमारी को अंजाम दिया।
सीबीआई की इस कार्रवाई को लेकर तीस्ता ने NDTV से कहा कि ''सुबह सीबीआई की टीम सर्च वारंट लेकर उनके यहां पहुंची और छापेमारी की कार्रवाई की। आश्चर्य है कि हमारे खिलाफ इस तरह भय का वातारण क्यों बनाया जा रहा है। जांच एजेंसी को 30 जून को दिए एक पत्र में हमने जांच में पूरी तरह से सहयोग करने का भरोसा जताया गया था। साथ ही लेनदेन से संबंधित सभी दस्तावेज भी सीबीआई को दिए जाने का वादा किया था। सीबीआई पर मेरे खिलाफ जांच करने का दबाव है।''
तीस्ता ने आरोप लगाया कि ऊपर से दबाव के बाद उन पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा, सीबीआई प्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री कार्यालय के अंतर्गत आती है और यह गुजरात पुलिस की शिकायत पर उनके खिलाफ की गई कार्रवाई है। चूंकि हमारी संस्था गुजरात दंगों के पीड़ितों को कानूनी मदद दे रही है, लिहाजा, हमे डराने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है।
दरअसल, दरअसल, तीस्ता और उनकी संस्था सबरंग ट्रस्ट पर बिना गृह मंत्रालय की इजाज़त के विदेशी चंदा लेने और उस चंदे के ग़लत इस्तेमाल का आरोप है।
क्या है तीस्ता का मामला
-बिना इजाज़त विदेश से धन लेने का आरोप
-विदेशी चंदे के ग़लत इस्तेमाल का भी मामला
-विदेशी चंदा नियमन क़ानून के उल्लंघन का केस
-7 जुलाई को CBI ने दर्ज की FIR
-2008-09 से 2013-14 के बीच आए 1.18 करोड़ रुपये
-सबरंग ट्रस्ट के खाते में आए पैसे
-1.18 करोड़ में से 95 लाख रुपये क़ानूनी मदद के लिए खर्च
-सबरंग ट्रस्ट ने 12 लाख रुपये क्रेडिट कार्ड का भुगतान किया
-तीस्ता, उनके पति, ट्रस्टी गुलाम मोहम्मद एक मैगज़ीन से जुड़े हैं
-क़ानून के तहत पत्रकार, संपादक विदेशों से चंदे नहीं ले सकते
-तीस्ता, उनके पति जावेद आनंद और गुलाम मोहम्मद पर FIR
सीबीआई की इस कार्रवाई को लेकर तीस्ता ने NDTV से कहा कि ''सुबह सीबीआई की टीम सर्च वारंट लेकर उनके यहां पहुंची और छापेमारी की कार्रवाई की। आश्चर्य है कि हमारे खिलाफ इस तरह भय का वातारण क्यों बनाया जा रहा है। जांच एजेंसी को 30 जून को दिए एक पत्र में हमने जांच में पूरी तरह से सहयोग करने का भरोसा जताया गया था। साथ ही लेनदेन से संबंधित सभी दस्तावेज भी सीबीआई को दिए जाने का वादा किया था। सीबीआई पर मेरे खिलाफ जांच करने का दबाव है।''
तीस्ता ने आरोप लगाया कि ऊपर से दबाव के बाद उन पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा, सीबीआई प्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री कार्यालय के अंतर्गत आती है और यह गुजरात पुलिस की शिकायत पर उनके खिलाफ की गई कार्रवाई है। चूंकि हमारी संस्था गुजरात दंगों के पीड़ितों को कानूनी मदद दे रही है, लिहाजा, हमे डराने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है।
दरअसल, दरअसल, तीस्ता और उनकी संस्था सबरंग ट्रस्ट पर बिना गृह मंत्रालय की इजाज़त के विदेशी चंदा लेने और उस चंदे के ग़लत इस्तेमाल का आरोप है।
क्या है तीस्ता का मामला
-बिना इजाज़त विदेश से धन लेने का आरोप
-विदेशी चंदे के ग़लत इस्तेमाल का भी मामला
-विदेशी चंदा नियमन क़ानून के उल्लंघन का केस
-7 जुलाई को CBI ने दर्ज की FIR
-2008-09 से 2013-14 के बीच आए 1.18 करोड़ रुपये
-सबरंग ट्रस्ट के खाते में आए पैसे
-1.18 करोड़ में से 95 लाख रुपये क़ानूनी मदद के लिए खर्च
-सबरंग ट्रस्ट ने 12 लाख रुपये क्रेडिट कार्ड का भुगतान किया
-तीस्ता, उनके पति, ट्रस्टी गुलाम मोहम्मद एक मैगज़ीन से जुड़े हैं
-क़ानून के तहत पत्रकार, संपादक विदेशों से चंदे नहीं ले सकते
-तीस्ता, उनके पति जावेद आनंद और गुलाम मोहम्मद पर FIR
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