अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) सारी अटकलों को विराम देते हुए रविवार को बंगाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान बीजेपी में शामिल हो गए. मिथुन ने कहा कि यह उनका जीवन भर का सपना गरीबों की सेवा करने का रहा है. उन्होंने यकीन जताया कि बीजेपी बंगाल में विधानसभा चुनाव (Bengal Assembly Election) जीतेगी.चक्रवर्ती ने कहा कि बीजेपी ने बंगाल में काफी कामयाबी पाई है.
PM Modi की कोलकाता के बिग्रेड मैदान में विशाल रैली के बाद अभिनेता ने कहा कि सिर्फ एक पार्टी गरीबों की मदद कर रही है और अगर उन्हें इस सपने को साकार करना है तो किसी न किसी का हाथ पकड़ना पड़ेगा. 70 साल के चक्रवर्ती ने संवाददाताओं से कहा, "आप मुझे मतलबी या कुछ और कह सकते हैं, लेकिन मेरे निस्वार्थ होने की वजह है कि मैं गरीब लोगों के साथ रहना चाहता हूं. मैं उनके लिए लड़ूंगा."
अभिनेता ने कहा, "मैं जब 18 साल का था तो मेरा सपना था कि मैं गरीब लोगों के साथ रहना चाहूंगा.मैं उनकी मदद करूंगा, मैं उन्हें उनका सम्मान दिलाने के लिए काम करूंगा." उन्होंने कहा कि बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी को बड़ी कामयाबी दिलाई है. उन्होंने भरोसा जताया कि 27 मार्च से शुरू हो रहे चुनाव में पार्टी जीतेगी.
मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, BJP सरकार बना रही है, ये निश्चित है. अगर हम प्राइम मिनिस्टर के सोनार बांग्ला के सपन को पूरा कर सकते हैं तो मैं खुद को गर्वान्वित महसूस करूंगा. मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) ने कहा, बीजेपी सरकार बना रही है, ये निश्चित है. अगर हम प्राइम मिनिस्टर के सोनार बांग्ला (Sonar Bangla) के सपने को पूरा कर सकते हैं तो मैं खुद को गर्वान्वित महसूस करूंगा.
चक्रवर्ती ने कहा, वह कभी किसी पार्टी से जुड़े नहीं रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया था और यह उनका गलत निर्णय था. मिथुन ने कहा, "मैं राज्यसभा सांसद का पद छोड़ दिया. मैं इसके लिए किसी को दोष नहीं देना चाहता. यह मेरा गलत फैसला था. इस मुद्दे को यही खत्म कर देना बेहतर है."
सारदा चिट फंड केस में नाम आने के मिथुन चक्रवर्ती ने तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) छोड़ दी थी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनसे सवाल-जवाब भी किया था और सारदा समूह से लिए गए 1.2 करोड़ रुपये लौटा दिए थे. यह पैसा उन्होंने सारदा समूह के टीवी न्यूज चैनल के ब्रांड एंबेसडर के तौर पर लिया था.
चक्रवर्ती ने कहा, जानते तो सभी हैं कि दादा क्या करते हैं. बंगाल में मिथुन की काफी लोकप्रियता है और सभी उन्हें मिथुन दा कहते हैं. मिथुन चक्रवर्ती की 16 फरवरी को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात के बाद से ही उनके बीजेपी का दामन थामने की अटकलें लगाई जा रही थीं.
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